हरियाणा विधानसभा के बाहर मुख्यमंत्री की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अकाली दल के विधायकों द्वारा मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के घेराव के मामले में स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने मंगलवार को चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज कराई. हालांकि एफआईआर का विरोध करते हुए अकाली दल के नेताओं ने कहा कि ये असंवैधानिक मामला है.
किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा पार करके दिल्ली जा रहे किसानों के प्रदर्शन के दौरान हुए लाठी चार्ज और वॉटर कैनन के इस्तेमाल से खफा अकाली दल के विधायकों ने अकाली नेता बिक्रम मजीठिया की अगुवाई में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर का 10 तारीख को विधानसभा परिसर के बाहर घेराव कर प्रदर्शन किया था.
यही नहीं मुख्यमंत्री मनोहर लाल को प्रदर्शन के चलते अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस छोड़कर सिक्योरटी के साथ वहां से निकलना पड़ा था. इस मामले में हरियाणा विधानसभा ने उच्च स्तरीय कमेटी बनाकर शिकायत दी थी जिसमें चंडीगढ़ पुलिस ने पंजाब के 9 अकाली विधायकों के खिलाफ सेक्टर-3 के पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज कर लिया.
इस मामले में अकाली विधायक एवं पंजाब के पूर्व मंत्री बिक्रमजीत सिंह मजीठिया समेत 9 लोगों को मुख्य आरोपी बनाया गया है. विधायकों पर केस किए जाने को लेकर अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया ने कहा कि वो लोकतांत्रिक ढंग से विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे और वो किसानों की आवाज उठा रहे थे. किसानों और पंजाब के हित में वो ऐसा करते रहेंगे. उन्होंने कोई ऐसा गुनाह नहीं किया है.
इस बीच विधानसभा सिक्योरिटी विंग के अधिकारियों द्वारा चंडीगढ़ पुलिस को एक शिकायत दी गई थी. इस मामले में मंगलवार को कार्रवाई करते हुए चंडीगढ़ के सेक्टर-3 की पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 186/323/341 और 511 के तहत कार्रवाई करते हुए पंजाब के अकाली विधायक शरनजीत ढिल्लो, बिक्रमजीत सिंह मजीठिया, बलदेव सिंह खैहरा, सुखविंदर कुमार, हरिंदर पाल सिंह चंदूमाजरा, कंवलजीत सिंह बरकंदी, मनप्रीत सिंह ईयाली, गुरप्रताप सिंह वडाला, नरिंदर कुमार शर्मा के अलावा कई अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है.