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चार बेटियों ने तोड़ी पुरानी मान्यता, मां को दिया कंधा और किया अंतिम संस्कार

पिता के साथ छोड़ देने के बाद मां के दुनिया से चले जाने पर अब चारों बेटियां अकेली हो गई हैं. पीड़ित बेटियों के लिए पड़ोसी और रिश्तेदारों ने सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

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बेटियों ने तोड़ी पुरानी मान्यताएं
बेटियों ने तोड़ी पुरानी मान्यताएं
स्टोरी हाइलाइट्स
  • बहादुरगढ़ में बेटियों ने तोड़ी पुरानी मान्यताएं
  • चार बेटियों ने दी अपनी मां को मुखाग्नि

हरियाणा के बहादुरगढ़ में पुरानी बंदिशों और मान्यताओं को तोड़ते हुए चार बेटियों ने ना सिर्फ अपनी मां की अर्थी को कंधा दिया, बल्कि उनकी चिता को मुखाग्नि भी दी.

मामला बहादुरगढ़ के वार्ड 31 के संत कबीर दास कॉलोनी की है. जहां 51 साल की महिला पदमा को कुछ दिन पहले टाइफाइड हुआ था. बाद में उनके लंग्स में इन्फेक्शन होने की वजह से उनका 3 फरवरी को देहांत हो गया था.

महिला को सिर्फ चार बेटियां थी और उनके पिता उन्हें छोड़कर पहले ही कहीं दूसरी जगह रहने लगे थे. इसके बाद चारों बहनों ने खुद ही अपनी मां का अंतिम संस्कार करने का फैसला लिया.

हिंदू धर्म के रीति रिवाजों के अनुसार, बेटियों ने खुद ही मां के लिए अर्थी बनाई और मां की अर्थी को कंधा देकर श्मशान भूमि तक पहुंचाया. इसके बाद चारों बेटियों ने मिलकर मां की चिता को मुखाग्नि भी दी. 

बाद में बेटियों द्वारा खुद मां के अंतिम संस्कार करने की तस्वीरें और वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गई. मृतक महिला पदमा की सुशील, शालू, सुमन और प्रिया नाम की चार बेटियां हैं. पद्मा ने अपनी चारों बेटियों को सिलाई का काम करके पढ़ाया-लिखाया था. बड़ी बेटी सुशील बीएससी नर्सिंग कर चुकी है और फिलहाल नौकरी की तलाश में है. 

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पिता के साथ छोड़ देने के बाद मां के दुनिया से चले जाने पर अब चारों बेटियां अकेली हो गई हैं. पीड़ित बेटियों के लिए पड़ोसी और रिश्तेदारों ने सरकार से आर्थिक सहायता देने की मांग की है.

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