गुजरात कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष हार्दिक पटेल की गुजरात से बाहर जाने की अनुमति वाली अर्जी कोर्ट ने ठुकरा दी. पटेल ने राज्य से बाहर जाने की इजाजत मांगने के लिए सेशन कोर्ट में अर्जी लगाई थी. गुजरात से बाहर नहीं जाने की शर्त पर ही हार्दिक पटेल को राजद्रोह के आरोप में जमानत मिली है.
हार्दिक पटेल के खिलाफ पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुई हिंसा के मामले में दायर राजद्रोह के एक केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. बाद में उन्हें जमानत मिल गई थी. अब पटेल ने कोर्ट में अर्जी देकर गुजरात से बाहर जाने की अनुमति मांगी है जिसे कोर्ट ने ठुकरा दिया. कोर्ट का कहना है कि गुजरात से बाहर नहीं जाने की शर्त पर ही जमानत दी गई है.
बता दें कि 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद में जीएमडीसी मैदान में पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली हुई थी. इस रैली के बाद राज्य भर में तोड़फोड़ और हिंसा की घटनाएं सामने आई थीं. इसके बाद क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में एक केस दर्ज किया था. पुलिस ने अपने आरोप पत्र में हार्दिक पटेल और उनके कुछ सहयोगियों पर हिंसा फैलाने और सरकार को गिराने की साजिश रचने का आरोप लगाया था.
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मेहसाणा के विसनगर में दंगा भड़काने के मामले में हार्दिक पटेल स्थानीय अदालत से दोषी ठहराए जा चुके हैं. दूसरी ओर पाटीदार नेता हार्दिक पटेल आरोप लगाते रहे हैं कि उनके खिलाफ कई गैर जमानती वारंट निकाले गए हैं. पटेल का कहना है कि बीजेपी सरकार कुछ भी कर ले, वे लोगों के लिए काम करते रहेंगे.