चाय की दुकान पर काम कर चुके मोदी आज प्रधानमंत्री पद पर अपना दावा ठोक रहे हैं. पढ़ें घटनाक्रम, कैसे मोदी यहां तक पहुंचे.
17 सितंबर, 1950: गुजरात के वाडनगर में एक हिंदू परिवार में हुआ नरेंद्र दामोदर मोदी का जन्म, युवावस्था में किया चाय की दुकान पर काम.
1987: बीजपी में शामिल हुए. 1995 में बीजेपी को गुजरात में बहुमत मिला. इसके बाद सियासत में मोदी का कद बढ़ता चला गया.
2001: गुजरात में भूकंप आया, जिसमें हजारों लोग मारे गए. तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेल को पद से हटना पड़ा. पटेल की जगह नरेंद्र मोदी को गुजरात की कमान मिली. फिर मोदी ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और तब से लेकर आज तक वह गुजरात की सत्ता में बने हुए हुए हैं.
27 फरवरी, 2002: गुजरात में दंगे भड़के, जिसमें करीब 1000 लोग मारे गए. इनमें अधिकांश मुस्लिम थे. मोदी पर आरोप लगा कि उन्होंने दंगे रोकने की कोशिश नहीं की, बल्कि उन्हें भड़काया. 2012 में मोदी सरकार में मंत्री रह चुकी माया कोडनानी को 28 साल जेल की सजा सुनाई गई.
2005: धार्मिक असहनशीलता के कारण वाशिंगटन ने मोदी को वीजा देने से इनकार कर दिया.
अक्टूबर, 2008: मोदी ने टाटा को गुजरात में संयंत्र स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया.
फरवरी, 2012: 2002 के गुजरात दंगों के मामले में एसआईटी ने मोदी को क्लीन चिट दे दी.
31 अगस्त, 2012: ट्विटर पर मोदी के 1.86 मिलियन फॉलोअर्स हो गए.
दिसंबर, 2012: मोदी तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने. बीजेपी को 182 में से 115 सीटें मिलीं.
07 जनवरी, 2013: यूरोपियन यूनियन के राजदूत ने मोदी के साथ दोस्ती का हाथ बढ़ाया और दिल्ली में उनके साथ लंच किया.
9 जून, 2013: मोदी को बीजेपी चुनाव प्रचार अभियान समिति की कमान सौंपी गई और काफी हद तक पीएम उम्मीदवारी पर उनके नाम की मुहर लग गई. आडवाणी रूठ गए और मोदी के नाम पर पार्टी में मतभेद सामने आ गया.
16 जून, 2013: बीजेपी में मोदी के बढ़ते कद से नाराज होकर जेडीयू एनडीए से अलग हो गया.