पटेल आरक्षण आंदोलन के नेता हार्दिक पटेल को आंशिक राहत देते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने मंगलवार को हार्दिक और उनके पांच सहयोगियों खिलाफ ‘सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने का आरोप’ खत्म कर दिया है. हालांकि, अभी उनके खिलाफ कठोर देशद्रोह के उपबंध को बरकरार रखा गया है.
जस्टिस जेबी पार्दीवाला ने दलीलें सुनने के बाद हार्दिक और उनके सहयोगियों के खिलाफ प्राथमिकी में आईपीसी की तीन धाराओं- धारा 121 (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने), 153ए (विभिन्न समुदायों के बीच रंजिश बढ़ाने) और 153बी (राष्ट्रीय अखंडता के प्रतिकूल टिप्पणी) को हटाने का आदेश दिया.
हालांकि, अदालत ने आईपीसी की धारा 124 (देशद्रोह) और 121ए (सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने) संबंधी धाराओं को हटाने से इनकार कर दिया, जिसके तहत उम्रकैद या 10 साल तक की सजा है.
कौन गिरफ्तार, किसको राहत
गौरतलब है कि अक्टूबर में सिटी अपराध शाखा ने 22 वर्षीय हार्दिक और उनके पांच अन्य सहयोगियों के खिलाफ देशद्रोह के आरोपों और सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोपों के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. बाद में हार्दिक, चिराग पटेल, दिनेश बंभानिया और केतन पटेल को गिरफ्तार किया गया. वे अभी सलाखों के पीछे हैं.
हार्दिक के दो अन्य सहयोगी अमरीश पटेल और अल्पेश कथीरिया को गिरफ्तार नहीं किया गया है, क्योंकि हाई कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दी थी. एक अन्य घटनाक्रम में हाई कोर्ट ने मंगलवार को गिरफ्तारी से राहत देते हुए उनकी अंतरिम राहत 15 और दिन के लिए बढ़ा दी.
-इनपुट भाषा से