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गुजरात: पड़ोसियों ने किया ऐतराज, अधर में लटका 450 मुस्लिम परिवारों का भविष्य

पिछले साल नवंबर में जब कल्याणनगर और कामाटीपुरा की स्लम बस्तियों को ढहाया गया था तो वहां के परिवारों को नई जगह बसाने का वायदा किया गया था. लेकिन प्रशासन जहां इन लोगों को बसाना चाहता है, वहां आसपास के लोगों ने अड़चन पैदा कर दी है.

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वड़ोदरा प्रशासन इन परिवारों के मामले पर चुप्पी साधे हुए है
वड़ोदरा प्रशासन इन परिवारों के मामले पर चुप्पी साधे हुए है

पिछले साल नवंबर में जब कल्याणनगर और कामाटीपुरा की स्लम बस्तियों को ढहाया गया था तो वहां के परिवारों को नई जगह बसाने का वायदा किया गया था. लेकिन प्रशासन जहां इन लोगों को बसाना चाहता है, वहां आसपास के लोगों ने अड़चन पैदा कर दी है. कबूतर में इलेक्ट्रॉनिक चिप देखकर उड़ गए पुलिस के होश

वड़ोदरा नगर निगम ने कल्याणनगर और कामाटीपुरा के 450 से ज्यादा मुस्लिम परिवारों को कलाली में बसाने की योजना बनाई थी. कलाली के साथ ही न्यू मंजालपुर और सैयाजीपुरा जैसे पॉश इलाके हैं. सूत्रों की मानें तो यहां के लोगों ने मुस्लिम परिवारों को वहां बसाने पर ऐतराज जताते हुए कहा है कि वो अपने बीच 'समस्या पैदा करने वाले तत्वों' को नहीं चाहते. जब शराब पीकर नशे में झूमने लगीं बकरियां

80 फीसदी परिवार मुस्लिम
कल्याणनगर में 1900 और कामाटीपुरा में 350 घर ढहाए गए थे. वहां से हटाए गए लगभग 80 फीसदी परिवार मुस्लिम हैं. कल्याणनगर से 730 परिवारों को तरसाली-दभोली रोड पर, जबकि 656 को मनेजा में बसाया जा चुका है. 450 परिवारों को सैयाजीपुरा और बा‍की बचे परिवारों को कलाली के हाउसिंग प्रोजेक्ट में बसाया जाना है, लेकिन वहां के लोगों के ऐतराज के बाद इन परिवारों का भविष्य अधर में लटक गया है.

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बिल्डरों का दबाव
पिछले हफ्ते ही सैयाजीपुरा के लोगों ने मेयर को ज्ञापन सौंपकर कहा था कि वो नहीं चाहते कि उनके पड़ोस में मुस्लिमों को शिफ्ट किया जाए. बताया जा रहा है कि सैयाजीपुरा और कलाली के बिल्डर भी प्रशासन पर इस बात के लिए जबरदस्त दबाव बना रहे हैं मुस्लिम परिवारों को वहां शिफ्ट न किया जाए. सूत्रों का कहना है कि प्रशासन ने अब इन परिवारों को कहीं ओर बसाने के लिए जगह ढूंढनी शुरू कर दी है.

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