देश में कोरोना का ग्राफ बढ़ रहा है. हॉस्पिटल में न बेड और न ही दवाएं. इन सबके बीच एक कंपनी ने दावा किया है कि 'AAYUDH Advance' दवा कोरोना पर असरदार साबित हो रही है. हालांकि, बॉयोटेक इंडिया-THSTI ने इस दावे को फर्जी बताया है और कहा कि हमारे संस्थान ने इस दवा पर कोई मुहर नहीं लगाई है.
'AAYUDH Advance' दवा बनान वाली कंपनी का कहना है कि हमने अहमदाबाद के दो सरकारी अस्पतालों में क्लिनिकल ट्रायल किया है और इसे कारगर पाया गया है. ट्रायल के दौरान पाया गया कि सिर्फ 4 दिनों के अंदर ही आयुध एडवांस लेने वाले मरीजों ने वायरस के संक्रमण को काफी हद तक कम कर दिया.
यही नहीं 'AAYUDH Advance' दवा बनान वाली कंपनी ने कहा कि ट्रान्जिशनल हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी इंसटीट्यूट डिपार्टमेन्ट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी (DBT-THSTI) ने आयुध एडवांस को रेमडेसिविर इंजेक्शन से भी 3 गुना ज्यादा कारगर माना है, इसका कोई साइड इफेक्ट भी नहीं है. हालांकि, DBT_THSTI ने इसे गलत बताया है.
'AAYUDH Advance' बनाने वाली कंपनी का दावा है कि इस दवा का पहला ह्यूमन ट्रायल अक्टूबर 2020 में एनएचएल नगर मेडिकल कॉलेज और SVPIMSR, एलिसब्रिज, अहमदाबाद में किया गया था. दूसरा ट्रायल जनवरी 2021 में GMERS मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल, सोला, अहमदाबाद में किया गया था.
कंपनी के मुताबिक, पहले रिसर्च के दौरान माइल्ड सिम्पटम्स वाले COVID-19 रोगियों पर इसका प्रभाव परखा गया. पहले क्लिनिकल रिसर्च के सफल परिणामों के बाद बड़े ट्रायल किए गए. इसके बाद थोड़ा अधिक सिम्पटम्स वाले मरीज और बाद में ऐसे मरीज जिनको कोई गंभीर बीमारी है उनपर इसका परीक्षण किया गया.
कंपनी के मुताबिक, इन रोगियों को दिन में चार बार AAYUDH एडवांस की डोज दी गई और वे केवल चार दिनों के भीतर ही ठीक हो गए. अब कंपनी के दावे की पोल खुद DBT_THSTI ने खोल दी. बकायदा ट्वीट करके DBT_THSTI इसे फेक न्यूज अलर्ट बताया है.