गुजरात हाई कोर्ट ने शुक्रवार को गुजरात सरकार के स्थानीय निकाय चुनावों में अनिवार्य मतदान के कानून पर रोक लगा दी. कुछ समय पहले गुजरात सरकार ने अनिवार्य मतदान का कानून बनाया था और मतदान न करने वालों पर 100 रुपये का जुर्माना भी लगाने का फैसला किया था.
कार्यवाहक चीफ जस्टिस जयंत पटेल के नेतृत्व की खंडपीठ ने इस कानून पर रोक लगाई. दो दिन पहले एडवोकेट केआर कोश्टी सरकार के फैसले को चुनौती देने कोर्ट गए थे और कहा था कि मतदान नागरिकों का अधिकार है, ड्यूटी नहीं है. साथ ही उन्होंने पीपल्स रेप्रिजेंटेशन एक्ट की कई धाराओं का हवाला देकर सरकार के कानून को चुनौती दी.
जुलाई में गुजरात ऐसा पहला राज्य बना था जिसने नोटिफिकेशन जारी कर स्थानीय निकाय चुनावों में वोटिंग को अनिवार्य किया था. सरकार ने यह भी घोषणा की थी कि अगर मतदाता ने मतदान नहीं किया तो उसे 100 रुपये जुर्माने के तौर पर भी देना होगा.