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राहुल के मंदिर कार्ड के बाद गुजरात में कांग्रेस का 'पूजा किट'

सॉफ्ट हिदुत्व के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस ने अब सौराष्ट्र के 148 गांवों की राम मंदिरों के काया-कल्प के लिए 'श्रीराम सूर्योंदय संध्या आरती समिति' का गठन किया है. इतना ही नहीं, कांग्रेस पूजा किट भी वितरित करेगी.

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कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूजा करते हुए
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पूजा करते हुए

इन दिनों हिंदुस्तान में सियासत का मिजाज तेजी से धार्मिक होता दिख रहा है. तमाम दलों के नेता मंदिर-मस्जिदों के दौरे करते दिख रहा है. गुजरात चुनावों के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने 28 मंदिरों में माथा टेका और दर्शन किया था. नतीजे भी खूब दिखे. पार्टी चुनाव तो नहीं जीत सकी लेकिन इसे हारना भी नहीं कहेंगे. अब पार्टी इस रणनीति को और आगे बढ़ाने के मोड में हैं.

पार्टी को सबसे ज्यादा फायदा राज्य के सौराष्ट्र क्षेत्र में हुआ है. सॉफ्ट हिदुत्व के फॉर्मूले के तहत कांग्रेस ने अब सौराष्ट्र के 148 गांवों की राम मंदिरों के काया-कल्प के लिए 'श्रीराम सूर्योंदय संध्या आरती समिति' का गठन किया है. इतना ही नहीं, कांग्रेस पूजा किट भी वितरित करेगी. कांग्रेस कार्यकर्ता सौराष्ट्र के मंदिरों में सुबह शाम नियम के मुताबिक सप्ताह में 14 बार आरती और पूजा करेंगे. खासकर उन मंदिरों में जहां भक्तों की संख्या अपेक्षाकृत कम होती है.

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अंग्रेजी अखबार इकोनामिक टाइम्स के मुताबित कांग्रेस के नेता विपक्ष बने परेश धनानी ने पूजा किट और आरती के बारे में कहा कि पूजा में इस्तेमाल होने वाले शंख, झालर और नगाड़ा समेत अन्य चीजें इस किट में हैं. आरती समिति का उद्देश्य हिंदू धर्म की परंपरा के साथ भक्ति भी भावना को बनाए रखने का है.'  परेश धनानी पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं को पूजा किट बांटेंगे.

परेश धनानी ने कहा कि हर गांव में एक रामजी चौराहा है, लेकिन कितने लोग वहां पर जाते हैं? लोगों के बीच अगर शांति से भरी जगह जैसे कि मंदिर में जाने की प्रवृति बढ़ेगी, तो क्षेत्र में तनाव और अशांति कम होगी. इसके अलावा लोगों के बीच तनाव और असहज माहौल को भी इससे दूर किया जा सकेगा.' धनानी ने यह भी बताया कि पार्टी ने सोमनाथ से शंख और राजकोट के पास जसदान से ड्रम और भावनगर से सजावट की चीजें मंगवा ली हैं.

कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक परेश धनानी ने इस योजना के बारे पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के साथ भी चर्चा की है. गुजरात को बीजेपी और संघ की हिंदुत्व की प्रयोगशाला को भी कहा जाता रहा है. राज्य में बीजेपी और संघ की गहरी पैठ है. कांग्रेस भी अब उसी तर्ज पर गुजरात में अपनी जड़े जमाना चाहती है. धनानी कहते हैं कि संघ और बीजेपी हिंदू के हितैशी होने का दावा करते हैं, लेकिन राज्य में हिंदू परंपराओं को आगे ले जाने के लिए अब तक क्या किया है? अयोध्या तो बहुत दूर की बात है हम तो अपने आसपास से ही स्थिति सुधारने की शुरुआत करना चाहते हैं.

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कांग्रेस सूत्रों की माने तो सॉफ्ट हिंदुत्व की राह बीजेपी के उस साजिश को तोड़ने के लिए अच्छा कदम है, जिसके तहत पिछले कुछ सालों में कांग्रेस को हिंदू विरोधी पार्टी बताने की कोशिश की गई. कांग्रेस इस फॉर्मूले के जरिए 2019 लोकसभा चुनावों में उतरना चाहती है, ताकि विधानसभा की तर्ज पर लोकसभा में भी लाभ मिल सके.

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