भारतीय राजनीति में रिजॉर्ट पॉलटिक्स एक सामान्य बात हो गई है. कभी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने सरकार बचाने और सरकार बनाने के लिए इस फॉर्मूले का इस्तेमाल किया था, लेकिन बदली हुई परिस्थितियों में डरी हुई कांग्रेस के लिए भी यह रणनीति मजबूरी हो गई है. गुजरात मे टूट रही कांग्रेस राज्यसभा चुनाव से पहले साख बचने के लिए अपने विधायकों को राजस्थान की सीमा पर पालनपुर के एक रिजॉर्ट में लेकर आई है.
राजस्थान-गुजरात बॉर्डर पर बालाराम पैलेस रिजॉर्ट में कांग्रेस के विधायक बस में भरकर अहमदाबाद से लाए गए हैं. गुजरात में राज्यसभा की 2 सीटों के लिए शुक्रवार को चुनाव होना है. इससे दो दिन पहले ही रात को करीब 10 बजे पैलेस में गुजरात कांग्रेस के 65 विधायक लाकर बंद कर दिए गए. ऐसा पहली बार हो रहा है कि कांग्रेस समझ रही है कि बीजेपी के चाल में फंसकर वह दोनों सीटें गंवा चुकी है. फिर भी विधायकों को लाकर रिजॉर्ट में बंद कर दिया है.
दरअसल, गुजरात कांग्रेस के 76 विधायकों में से 5 विधायकों ने बीजेपी का दामन थामन लिया है. अब 71 बचे हैं, कांग्रेस इस बात को समझ रही है कि बीजेपी और सेंधमारी करने में लगी है लिहाजा कांग्रेस की किरकिरी करने के लिए राज्यसभा चुनावों में क्रॉस वोटिंग करवा सकती है. कांग्रेस के विधायक भी समझ रहे हैं कि जीत तो सकते नहीं. लिहाजा इज्जत बचाने की लड़ाई का लुत्फ ही उठा लिया जाए.
कांग्रेस के विधायक रहे निरंजन पटेल ने कहा, जीत तो नहीं रहे लेकिन लड़ना तो पड़ेगा ही. वहीं पहली बार विधायक बने इमरान खाड़वाला ने कहा, पहली बार विधायक बना हूं, इसलिए यहां प्रशिक्षण के लिए आया हूं कि राज्यसभा में वोट कैसे डालना है. वहीं एक महिला विधायक ने कहा कि बीजेपी में इतनी हिम्मत नहीं कि हमें तोड़ सके.