उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के महज तीन रुपये में नाश्ता और 5 रुपये में भोजन की योजना शुरू करने की सुगबुगाहट से गुजरात की बीजेपी सरकार भी हरकत में आ गई है. हालांकि चुनावी साल में आनन-फानन में विजय रुपानी सरकार ने भी ये घोषणा कर दी है कि अगर बीजेपी सत्ता में आती है तो 10 रुपये की थाली का प्रावधान सरकार करेगी. कांग्रेस ने इस घोषणा पर पलटवार करते हुए कहा कि सरकार जहां 2 रुपए किलो गेहुं और 3 रुपए किलो चावल नहीं दे रही है वहां इस तरह की घोषणा सिर्फ चुनावी जुमला है.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रुपानी ने वडोदरा में कहा कि उनकी सरकार राज्य के असंगठित मजदूरों को सस्ता खाना मुहैय्या करवाने की दिशा में आगे बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि इसके लिए सरकार की ओर से बजट में प्रावधान भी किया गया है. गौरतलब है कि इस साल गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं. ऐसे में विरोधी दल मुख्यमंत्री की इस घोषणा को 'चुनावी शिगूफा' के तौर पर देख रहे हैं.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी ने वडोदरा में कहा, "हमने इस बार के बजट में असंगठित मजदूरों के लिए अन्नपूर्णा योजना के तहत प्रावधान किया है. जिसमें 30 रुपये की भोजन की थाली सिर्फ 10 रुपये में असंगठित मजदूरों को मुहैय्या करवाई जाएगी. 20 रुपये का भुगतान सरकार की ओर से किया जाएगा और इस तरह रोटी, दाल, सब्जी और चावल की थाली उनको महज 10 रुपये में पड़ेगी. पूरी योजना अन्नपूर्णा के नाम से जानी जाएगी."
वहीं कांग्रेस ने यूपीए सरकार के फूड सिक्योरिटी बिल का हवाल देते हुए कहा कि जहां सरकार 2 रुपए किलो गेहुं और 3 रुपये किल्लो चावल नहीं दे सकती वहां इस तरह की बातें सरकार के चुनाव हारने की शुरुआत के तौर पर है.
रुपानी की घोषणा पर प्रतिक्रिया देते हुए अहमदाबाद में गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष भरतसिंह सोलंकी ने कहा, "कह रहे हैं कि सरकार फूड सिक्योरिटी बिल का गेहुं और चावल नहीं दे रही हैं, इस तरह की बातें सरकार के जुमले की तरह ही हैं."
साफ है कि गुजरात में पिछले 20 साल से बीजेपी सत्ता में है और अब योगी के जरिए थाली की शुरुआत करने के बाद गुजरात की रुपानी सरकार को गरीबों के खाने की याद आई है.