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बिजली-पानी की समस्या को लेकर कितनी तैयार है सरकार?

एक ओर देश के सियासतदान आम जनता के सरोकार से अलग हटकर बयानबाजी में मशगूल हैं, तो दूसरी ओर पब्लिक बिजली-पानी जैसी बुनियादी चीजों के लिए अपने चुने हुए नेताओं और प्रशासन की ओर देख रही है.

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एक ओर देश के सियासतदान आम जनता के सरोकार से अलग हटकर बयानबाजी में मशगूल हैं, तो दूसरी ओर पब्लिक बिजली-पानी जैसी बुनियादी चीजों के लिए अपने चुने हुए नेताओं और प्रशासन की ओर देख रही है.

आजतक ने देश के अलग-अलग शहरों में बिजली और पानी की सुविधाओं की मौजूदा हालत जानने का बीड़ा उठाया है. आजतक की टीम ने मुंबई, वडोदरा और वाराणसी जैसे शहरों में जाकर आम लोगों से बातचीत करके स्थ‍िति की पड़ताल की.

कुल मिलाकर हकीकत तो यह है कि देश की सियासत में बेहद अहम स्थान रखने वाले इन जगहों पर भी लोगों को पानी-बिजली पर्याप्त मात्रा में मयस्सर नहीं है. बिजली-पानी की मार से त्रस्त जनता पूछ रही है, 'कहां हो सरकार...'

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