ऑनलाइन शॉपिंग करने वालों के लिए सूरत से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. शहर के अमरोली इलाके में पिछले 8 सालों से नकली हेड एंड शोल्डर शैंपू ऑनलाइन बेचा जा रहा था. इस गोरखधंधे का खुलासा तब हुआ जब कंपनी के एक सेल्स ऑफिसर को इसकी भनक लगी और उन्होंने अमरोली थाने में इसकी शिकायत दर्ज करवाई.
16 लाख 39 हज़ार रुपए का माल बरामद
पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए अमरोली क्षेत्र के वरियाव टी पॉइंट के पास स्थित एक गोदाम में छापा मारा. छापेमारी के दौरान पुलिस को नकली शैंपू से भरे 16 कार्टून, स्टीकर सहित कुल 16 लाख 39 हज़ार रुपए का माल बरामद हुआ. पुलिस ने मौके से नकली शैंपू ऑनलाइन बेचने वाले 50 वर्षीय हितेश धीरूभाई सेठ को गिरफ्तार किया, जो एक प्राइवेट कंपनी में सिर्फ 12 हज़ार की तनख्वाह पर क्लर्क के तौर पर काम करता था.
दो मास्टरमाइंड गिरफ्तार
हितेश से पूछताछ में पुलिस को दो और नाम मिले. डेनिश विरानी और जैमिन गबानी, जो इस अवैध कारोबार के असली मास्टरमाइंड थे. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस के अनुसार, ये लोग नकली शैंपू की बोतल को असली जैसा दिखाने के लिए हूबहू पैकिंग तैयार करते थे और फिर ऑनलाइन मार्केटिंग कंपनियों के ज़रिए 'एक के ऊपर एक फ्री' स्कीम में इसे बेचते थे. असली हेड एंड शोल्डर शैंपू की एक लीटर बोतल की कीमत जहां 1199 रुपये है, वहीं डुप्लीकेट बोतल भी इसी कीमत पर बेची जा रही थी, जिससे ग्राहक धोखा खा रहे थे.
नकली स्टीकर और बोतल तैयार करने वालों की तलाश
शैंपू की बोतलों पर मैन्युफैक्चरिंग डेट और बैच नंबर न होने के कारण शक हुआ, और यहीं से इस फर्जीवाड़े की परतें खुलनी शुरू हुईं. पुलिस अब नकली स्टीकर और बोतल तैयार करने वालों की भी तलाश कर रही है.