गुजरात में लगातार बढ़ते कोरोना के कहर के बीच अब ज्यादा से ज्यादा लोगों का टीकाकरण हो सके, इसलिए राज्य की विजय रुपाणी सरकार ने आज मंगलवार को अहम फैसला लिया. इसके तहत निराश्रितों और बुर्जुर्गों को अब आधार कार्ड के बिना ही वैक्सीन दिया जाएगा.
राज्य सरकार की ओर से जारी नए आदेश के मुताबिक कोरोना वैक्सीन के लिए अब आधार कार्ड की जरूरत नहीं होगी. मुख्यमंत्री विजय रुपाणी के इस फैसले के अनुसार राज्य में मौजूद भिक्षुक, वृद्धाश्रम में रहने वाले, अपंग और कल्याणकारी संस्थाओं में रहने वाले 45 वर्ष से अधिक आयु के लोग कोमोरबिड या अन्य गंभीर बीमारी से पीड़ित ऐसे लोगों को बिना आधार कार्ड के कोरोना की वैक्सीन दी जाएगी.
मुख्यमंत्री विजय रुपाणी ने गुजरात में कोरोना की वैक्सीन को लेकर राज्य के आरोग्य विभाग से कहा है कि अभी हर रोज डेढ़ लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा रही है जिसे बढ़ाकर तीन लाख तक किया जाए.
गृह मंत्रालय की नई गाइडलाइंस
गुजरात में अब तक 39.36 लाख लोगों को कोरोना की वैक्सीन दी जा चुकी है जिनमें 32,74,479 लोगों को कोरोना की पहली पहली खुराक दी गई है जबकि 6,03,693 लोगों को वैक्सिंग की दूसरी खुराक दी जा चुकी है.
इस बीच, देश में कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच कोरोना की रोकथाम के लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने नई गाइडलाइंस जारी की है. नई गाइडलाइंस 1 अप्रैल से प्रभावी होंगी जो 30 अप्रैल तक लागू रहेगी.
गृह मंत्रालय ने कहा है कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश सभी हिस्सों में टेस्ट-ट्रैक-ट्रीट प्रोटोकॉल को सख्ती से लागू करें. जहां RT-PCR टेस्टिंग का अनुपात कम है, वहां तेजी से इसे बढ़ाना चाहिए. ताकि 70 फीसदी या उससे अधिक के निर्धारित लक्ष्य तक पहुंचा जा सके.