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अहमदाबाद में सामूहिक विवाह के नाम पर धोखाधड़ी, सामान देने के नाम पर 113 जोड़ों को लगाया लाखों का चूना

अहमदाबाद में सामूहिक विवाह कार्यक्रम के नाम पर धोखाधड़ी हुई है. आयोजकों ने हर जोड़े से रजिस्ट्रेशन के लिए 22 हजार रुपये लिए थे और यहं 113 जोड़ों ने रजिस्ट्रेशन कराया था. जिस दिन ये आयोजन किया जाना था, उससे पहले आयोजक ऑफिस में ताला डालकर फरार हो गया. जिसके बाद इन जोड़ों ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई.

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अहमदाबाद में सामूहिक विवाह के नाम पर फर्जीवाड़ा
अहमदाबाद में सामूहिक विवाह के नाम पर फर्जीवाड़ा

गुजरात के अहमदाबाद में सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजक के खिलाफ धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई गई है. दरअसल आयोजक ने हर जोड़े से रजिस्ट्रेशन के लिए 22 हजार रुपये लिए थे और 24 लाख रुपये की वसूली कर फरार हो गया था. इसके बाद रजिस्ट्रेशन कराने वाले जोड़ों ने अमराईवाडी पुलिस थाने में शिकायत दर्ज करवाई. इस पर कार्रवाई करते हुए आयोजक प्रकाश परमार को गिरफ्तार कर लिया गया है.

हिंदू जन विकास सेवा संघ ट्रस्ट की ओर से अहमदाबाद के वस्त्राल में महानगर पालिका के पार्टी प्लॉट में 27 मई के दिन सर्वज्ञाति सामूहिक विवाह कार्यक्रम का आयोजन किया गया था. इस कार्यक्रम में 113 जोड़ों की शादी करवाई जानी थी. जिसके लिए हर जोड़े से 22 हजार रुपये रजिस्ट्रेशन के तौर पर लिए गए थे. इस तरह आयोजक में सामूहिक विवाह के लिए 24 लाख रुपये इकट्ठा किए थे.  

फाइल फोटो

सामूहिक शादी के समय आयोजक की तरफ से सभी जोड़ों को मंगलसूत्र, चांदी की पायल, ईयरिंग समेत 22 सामान दिए जाने थे. जिसके लिए आयोजकों ने 24 लाख रुपये इकट्ठा किए थे. पीड़ित परिवार की तरफ से कहा गया कि शादी 27 मई को आयोजित होनी थी तो सारें जोड़ों के घर शादी की तैयारी जारी थी, लेकिन सामूहिक शादी कार्यक्रम के एक दिन पहले शादी के स्थल पर कोई तैयारी नहीं हुई थी और शादी के अगले ही दिन से आयोजक के ऑफिस पर ताला दिखा और फोन स्विच ऑफ आने लगा. जिसके बाद आयोजक प्रकाश के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई गई.  

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आयोजक ने शादी में सामान देने का किया था वादा

अमराईवाडी पुलिस ने हिंदू जन विकास सेवा संघ ट्रस्ट के ट्रस्टी और सावर्ज्ञाती सामूहिक विवाह कार्यक्रम के आयोजक प्रकाश परमार को गिरफ्तार कर लिया है. पुलिस ने बताया कि आरोपी ने पिछले महीने सामूहिक विवाह के लिए 113 जोड़ों से रुपये इकट्ठा करके शादी का सामान देना का वादा किया था लेकिन सामूहिक विवाह के लिए तय से ज्यादा खर्च हो जाने की वजह से सामूहिक विवाह का आयोजन नहीं किया जा सका.

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