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गुजरातः आरक्षण आंदोलन में दर्ज केस वापस लेने को CM भूपेंद्र पटेल से मिले 6 पाटीदार सांसद

दिल्ली में चल रहे लोकसभा सत्र के बावजूद पाटीदार सांसद गांधीनगर पहुंचे. इनमें पोरबंदर के सांसद रमेश धडुक, राजकोट के सांसद मोहन कुंडारिया, मेहसाणा के सांसद शारदाबेन पटेल, अहमदाबाद ईस्ट के सांसद हसमुख पटेल, आणंद के सांसद मितेष पटेल और अमरेली के सांसद नारण काछडिया शामिल रहे.

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सीएम भूपेंद्र पटेल
सीएम भूपेंद्र पटेल
स्टोरी हाइलाइट्स
  • 140 मामले वापस लेने की मांग सांसदों ने सीएम भूपेंद्र पटेल से की
  • आंदोलन के दौरान 485 केस दर्ज हुए थे, कुछ पहले वापस लिए गए

अगले साल गुजरात में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियां अभी से शुरू हो गई हैं. मसलन, भारतीय जनता पार्टी (BJP) पाटीदारों के वोट को हासिल करने के प्रयासों में जुट गई है. शुक्रवार को 6 पाटीदार बीजेपी सांसदों ने गांधीनगर स्थित सचिवालय पहुंचकर सीएम भूपेंद्र पटेल से मुलाकात की. सांसदों ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन जो केस दर्ज किए गए थे, उन्हें वापस लेने के लिए सीएम से मांग की.

दिल्ली में चल रहे लोकसभा के सत्र के बावजूद पाटीदार सांसद गांधीनगर पहुंचे. इनमें पोरबंदर के सांसद रमेश धडुक, राजकोट के सांसद मोहन कुंडारिया, मेहसाणा के सांसद शारदाबेन पटेल, अहमदाबाद ईस्ट के सांसद हसमुख पटेल, आणंद के सांसद मितेष पटेल और अमरेली के सांसद नारण काछडिया शामिल रहे. सांसदों ने गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन के दौरान दर्ज 140 मामले वापस लेने की मांग सीएम भूपेंद्र पटेल से की. बता दें कि पुलिस ने 485 मामले दर्ज किए थे, इसमें से कुछ केस पहले ही राज्य सरकार वापस ले चुकी है.

हाल ही में पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति के दिनेश बांभणिया समेत पाटीदारों के अगुआ मुख्यमंत्री से मिले थे. उन्होंने भी केस वापस लेने की मांग की थी. बता दें कि 2015 में हार्दिक पटेल और कुछ पाटीदार युवाओं के नेतृत्व में अहमदाबाद के जीएमडीसी ग्राउंड पर पाटीदार समुदाय के लोग इकट्ठा हुए थे. उन्हें मौके से हटाने के लिए पुलिस ने लाठीचार्ज किया था. लिहाजा हिंसा फैलने से 14 युवाओं की मौत हो गई थी. इसके बाद तत्कालीन मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल को इस्तीफा देना पड़ा था.

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