हम सभी घर पर अपने छोटे से छोटे बगीचों का केयरटेकर होने का दावा करते हैं लेकिन दिल्ली की एक महिला ने कुछ ऐसा किया कि अपने घर की छत को ही ग्रीन हाउस में तब्दील कर दिया. इन्होंने अपने पूरे अपार्टमेंट परिसर और अपनी छत को एक बगीचे में बदल दिया है. 60 साल की आइरीन गुप्ता की टेरेस पर फार्मिंग हो रही है. उन्हें बचपन से ही पौधों का शौक रहा है.
आइरीन बताती हैं कि वो हमेशा अपने सभी पौधों के लिए उचित जगह खोजती रहती थीं. पौधों के साथ उनका यह सफर कुछ टेराकोटा के कंटेनर और वसंत के फूलों के साथ शुरू हुआ जो अब एक पूरी की पूरी टैरेस फार्मिंग में तब्दिल को चुकी है. आज उनकी छत प्लास्टिक के बक्से, थर्मोकोल बक्से, पेंट बाल्टी, पानी की टंकी और बहुत कुछ जैसे कंटेनरों से भरी हुई है जिनमें 40 से अधिक प्रकार की सब्जियां और फल हैं. इन सभी की खास बात यह है कि सारे के सारे कंटेनर्स रिसायक्लेबल और रियूजेबल हैं.
आइरीन के घर की छत 2,000 वर्ग फीट है जिसमें 10 से अधिक प्रकार के पौधे जैसे एलोवेरा (aloe veras), स्प्रिंग फ्लावर्स (spring flowers), पेंटुनियास (petunias) आदि शामिल हैं. आइरीन, ऑस्ट्रेलिया और अमेरिका जैसे देशों से टैरेस फार्मिंग के बारे में कई ब्लॉग से प्रभावित रही हैं जहां टैरेस फार्मिंग, जलवायु परिस्थितियों पर आधारित थीं लेकिन उन्होंने सीखा कि वह जिस क्षेत्र में रह रही हैं, उसके आधार पर उन युक्तियों का उपयोग कैसे करें. आइरीन ने न केवल छत पर अपने पौधों के भार को कम करने के लिए एक उपाय खोजा, बल्कि यह भी देखा कि कई अमेरिकी ब्लॉगों में लोग लकड़ी के टोकरे में सब्जियां और फल उगा रहे थे.
जल्द ही, उन्होंने और कंटेनर खरीदे और टमाटर, बैंगन, गोभी, लौकी और कई तरह की सब्जियां उगाना शुरू कर दिया. आइरीन का कहना है कि वह मौसम के हिसाब से सब्जियों की खेती करती हैं. आइरीन कहती हैं कि पुदीना, धनिया, करी पत्ता, गिलोय और तुलसी प्लास्टिक के बक्से या पेंट की बाल्टी जैसे कंटेनरों में लगाए हैं.
(रिपोर्ट- तेजश्री)