दिल्ली में लॉकडाउन की समय सीमा 24 मई, सोमवार को सुबह 5 बजे समाप्त हो रही है. वहीं घटती संक्रमण दर के बीच लॉकडाउन बढ़ाने या ख़त्म करने के लिए दिल्ली सरकार के शीर्ष निर्णयकर्ताओं के बीच चर्चा के आसार नज़र आ रहे हैं. अब तक, दिल्ली की संक्रमण दर अप्रैल के अंतिम सप्ताह में 36% के उच्चतम स्तर से काफी कम होकर 5% से नीचे आ गई है.
जहां तक वायरस के प्रसार का संबंध है, 5% से कम की संक्रमण दर को सुरक्षित माना जाता है. स्थिति में सुधार को बड़े पैमाने पर लॉकडाउन के उपायों और शहर भर में इसे लागू करने के तरीके के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है.
वर्तमान लॉकडाउन 19 अप्रैल से लागू है, जब इसे शुरू में केवल छह दिनों के लिए लगाया गया था और उसके बाद चार और साप्ताहिक विस्तार दिया गया क्योंकि कोरोना मामलों की संख्या खतरनाक रूप से बढ़ रही थी. साथ ही कोरोना बेड्स से लेकर ऑक्सीजन के कमी एक बड़ी समस्या थी.
राजधानी में अब जब केस लोड प्रति दिन 5000 से नीचे दर्ज हो रहा है, तो कुछ संस्थान द्वारा मांग की जा रही है कि अगर लॉकडाउन को पूरी तरह से नहीं हटाया जा सकता है तो मानदंडों में कुछ छूट दी जाए. नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) के अध्यक्ष अतुल भार्गव ने एक बयान में कहा है कि निजी कार्यालयों के साथ-साथ बाजार एक संगठित तरीके से खुले होने चाहिए.
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उन्होंने कहा कि कार्यालय और बाजार का समय अलग अलग होना चाहिए क्योंकि बाजार आमतौर पर शाम को कारोबार करते हैं. कनॉट प्लेस जैसे बाजार से स्ट्रीट फेरीवालों को हटाने की भी तत्काल आवश्यकता है जो ज्यादातर अवसरों पर संक्रमण बढ़ाने का कार्य करते हैं.
यहां तक कि स्थानीय अधिकारियों द्वारा अगले छह महीनों के लिए नियमित रूप से सैनेटाईजेशन भी किया जाना चाहिए. इसी तरह की मांग अन्य व्यापारी संगठनों और उद्योग प्रतिनिधियों द्वारा की जा रही है, जो एक महीने से अधिक समय तक लगातार लॉकडाउन के बाद आर्थिक गतिविधियों को शुरू करने के लिए सख्त लॉकडाउन मानदंडों में छूट चाहते हैं.
दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान
सरकार के लिए लॉकडाउन पर आगे की रणनीति बनाना एक कठिन विषय है. हालांकि दिल्ली सरकार को भी राजस्व का नुकसान हो रहा है, क्योंकि बाजार और उद्योग बंद हैं. लेकिन साथ ही वह जल्दबाजी में काम नहीं करना चाहती. दिल्ली सरकार के शीर्ष अधिकारियों ने इंडिया टुडे से उन गंभीर चर्चाओं के बारे में पुष्टि की है जो दिल्ली एलजी, अनिल बैजल और दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के बीच सप्ताहांत में किसी भी समय संभावित उच्च स्तरीय बैठक से पहले चल रही हैं.
इंडिया टुडे के सूत्रों ने पुष्टि की है कि लॉकडाउन को पूरी तरह से हटाने के फैसले की संभावना बहुत कम है. निर्णय के पीछे तीन मुख्य कारण हैं, पहला यह है कि भले ही संक्रमण दर और दैनिक मामलों की संख्या में काफी कमी आई है, लेकिन मृत्यु दर अभी भी काफी अधिक है और मृत्यु के मामलों की दैनिक संख्या लगभग 250 है. जिसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है.
वैक्सीन खत्म होने की कगार पर
दूसरा कारण टीकाकरण से संबंधित है, हालांकि 50 लाख से अधिक टीके पहले ही दिए जा चुके हैं, लेकिन अब दिल्ली में वैक्सीन का स्टॉक ख़त्म होने की कगार पर है और रविवार 23 मई से 18-44 वर्ष के आयु वर्ग के लिए कोई टीकाकरण अभियान नहीं होने की संभावना भी है. तीसरा कारण दिल्ली के पड़ोसी राज्यों में लॉकडाउन से जुड़ा है. हरियाणा और उत्तर प्रदेश ने अभी तक लॉकडाउन नहीं हटाया है.
गुरुवार को दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस बात के संकेत दिए थे. जैन ने इंडिया टुडे को बताया कि संक्रमण दर अब 5% के स्तर पर पहुंच गई है, लेकिन संक्रमण दर का कम्फर्ट लेवल 2% से नीचे पहुंचने पर आएगा.
लॉकडाउन पर निर्णय कई अन्य पहलुओं पर भी निर्भर करता है, इसलिए हम फ़िलहाल चर्चा की प्रक्रिया में हैं. इसलिए लॉकडाउन कम से कम एक सप्ताह और जारी रहने की संभावना है, लेकिन साथ ही दिल्ली सरकार के अधिकारी उन गतिविधियों पर कुछ छूट प्रदान करने जैसे प्रस्तावों पर भी विचार कर रहे हैं जो आम लोगों के दैनिक जीवन से संबंधित हैं.