देश में मातृ और शिशु मृत्यु दर में कमी लाने की लंबे समय से कोशिशें हो रहीं हैं. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने इसी के तहत दिल्ली के अस्पतालों के डॉक्टरों को अधिक सक्रिय रहकर काम करने की सलाह दी. उन्होंने कहा कि डॉक्टरों को कामकाज में अक्षमता और 'सक्रियता' में कमी को 'बिलकुल बर्दाश्त' नहीं करना चाहिए.
दिल्ली के कलावती सरण शिुशु अस्पताल के डॉक्टरों और कर्मचारियों से उन्होंने कहा, 'एमडीजी की समय सीमा सितंबर 2015 है और हमें अभी बहुत काम करना है. शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए सभी को कई काम करने होंगे. यदि विकसित देश यह काम कर सकते हैं तो हमें भी करना चाहिए क्योंकि पैसे या मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है.
हर्षवर्धन ने शताब्दी विकास लक्ष्यों (एमडीजीएस) से तालमेल बनाए रखने पर भी जोर दिया. संयुक्त राष्ट्र का एमडीजीएस में भयंकर गरीबी दर को कम करने से लेकर एचआईवी/एडस् को फैलने से रोकने और सभी को प्राथमिक शिक्षा मुहैया कराना शामिल है. इस संबंध में तैयार की गई रूप-रेखा पर दुनिया के सभी देशों और सभी विकसित संस्थाओं ने सहमति जताई है.