scorecardresearch
 

एक रुपये को लेकर MCD के दो विभागों में ठनी, डेढ साल से जारी है कागजी जंग!

मामला दिल्ली के ईस्ट एमसीडी का है, जिसके हेल्थ डिपार्टमेंट और अकाउंट ब्रांच के अधिकारियों बीच एक रुपये को लेकर ठन गई. मामला डेढ़ साल पुराना है और अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है. 

Advertisement
X
एक रुपये को लेकर फंसा पेंच
एक रुपये को लेकर फंसा पेंच
स्टोरी हाइलाइट्स
  • मामला दिल्ली के ईस्ट एमसीडी का है
  • विवाद अभी तक सुलझ नहीं पाया है

अगर आपका एक रुपये की वजह से किसी से विवाद हो जाए तो जाहिर है कि आप लेन-देन करके उसका निपटारा कर लेंगे. लेकिन 1 रुपये का सरकारी लेन-देन हो तो इसका निपटारा करने में कई पेंच फंस जाते हैं.

ऐसा ही एक बेहद दिलचस्प वाकया दिल्ली के ईस्ट एमसीडी का है, जिसके हेल्थ डिपार्टमेंट और अकाउंट ब्रांच के अधिकारियों बीच एक रुपये को लेकर ठन गई. मामला डेढ़ साल पुराना है और अब तक इसका समाधान नहीं हो पाया है. 
 
दरअसल, डेंगू, मलेरिया चिकनगुनिया को कंट्रोल करने के लिए जिन दवाइयों का छिड़काव किया जाता है, उसका कंपनी को एडवांस भुगतान करना होता है. ईस्ट एमसीडी के हेल्थ डिपार्टमेंट के अधिकारी ने बताया कि छिड़काव वाली दवाइयां खरीदने के लिए 5,53,000 रुपये का कंपनी को पेमेंट किया गया था. बाद में एमसीडी के पास जब कंपनी की तरफ से बिल आया तो वो एक रुपये कम, यानि सिर्फ 5,52,999 रूपये ही था.  

कंपनी के पास एक रुपये ज्यादा होने का बिल जब अधिकारी ने एमसीडी के अकाउंट ब्रांच में जमा कराया तो आब्जेक्शन लगाते हुए अकाउंट के अधिकारियों ने सरकारी लेन-देन बताकर कंपनी से 1 रुपये वापस मांगने की बात कही. 

Advertisement

हेल्थ डिपार्टमेंट का कहना है कि एक रुपये को लेकर कंपनी को कई बार कह चुके हैं, लेकिन कुछ नहीं हुआ. दूसरी तरफ अकाउंट ब्रांच कंपनी से चाहता है कि वो एमसीडी एक रुपये लौटा दे या अकाउंट में आरटीजीएस करा दे. लेकिन अभी तक एक रुपये का विवाद सुलझ नहीं पाया है. 

Know about LG of Delhi Vinay Saxena: जानि‍ए विनय सक्सेना की जर्नी, जो बनाए गए दिल्ली के एलजी

Advertisement
Advertisement