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सपना चौधरी नहीं पुलिसवाले ने रची रागिनी, दिखी ट्रैफिक नियमों की झलक

यह अपने आप में अनोखा प्रयास है जब पुलिस के किसी कर्मचारी ने सभी ट्रैफिक नियमों की झलक एक रागिनी में ही पेश कर दी.

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एएसआई रामबीर सिंह सांगवान
एएसआई रामबीर सिंह सांगवान

हरियाणा में सपना चौधरी की रागिनी तो सबने सुनी होगी, लेकिन क्या आपने किसी पुलिसवाले की रागिनी सुनी है? क्या ट्रैफिक पुलिस के नियम-कानून की रागनी बनाई जा सकती है. इसे संभव कर दिखाया है दिल्ली ट्रैफिक पुलिस के एएसआई रामबीर सिंह सांगवान ने.

यह अपने आप में अनोखा प्रयास है जब पुलिस के किसी कर्मचारी ने सभी ट्रैफिक नियमों की झलक एक रागिनी में ही पेश कर दी.

रागिनी कुछ इस तरह से है

"आओ भाइयों मिलकर के नया हिंदुस्तान बनाना है

सड़क सुरक्षा नियम को जन-जन को समझाना है

फुटपाथ पर चलना चाहिए जब भी पैदल जाना है

जेब्रा क्रॉसिंग से ही रोड पार कर आना है

अंडरपास हो नीचे का पैडी पैडी आना है

ओवर ब्रिज हो ऊपर तो सीढ़ी से चढ़ जाना है

ये ना हो तो राइट लेफ्ट फिर राइट देखना है

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सड़क सुरक्षा नियम को जन-जन को समझाना है.

साइकिल की लेन में ही साइकिल चलानी चाहिए

दूसरी सवारी उसपै हरगिज ना बिठानी चाहिए

तेज गति से  व्हीकल आवै फिर साइड हो जानी चाहिए

बुजुर्ग और बच्चा आज्या फिर एकदम रुक जानी चाहिए

रात को चमकिले हों कपडे़ तो रिफ्लेक्टर लगाना है

सड़क सुरक्षा नियम को जन जन को समझाना है.

टू व्हीलर पर जाते हो तो भाइयों लाकै ध्यान सुनो

तीन सवारी ना बैठो कहना मेरा मान सुनो

बिन हैल्मेट हो हैड इन्जरी गिरते जाती ज्यान सुनो

ISI मार्का हो हैल्मेट की पहचान सुनो

पिच्छे की सवारी को भी बिना हैल्मेट नहीं बिठाना है

सड़क सुरक्षा नियम को जन-जन को समझाना है

सीट बैल्ट लानी चाहिए है जब भी बैठो कार में

एक्सीडेंट का खतरा हो तेज घनी रप्तार में

मोबाइल ना सुनना चाहिये खतरा हो बेकार में

एक नशा नाश का घर हो सै दुख हो ज्या परिवार में

रैड लाइट जम्प करके बिल्कुल भी ना आना है

रामवीर का जिले रोहतक मै बस्ता गाम पिलाना है

सड़क सुरक्षा नियम को जन जन को समझाना है.''

रागिनी के लेखक और गायक रामवीर सांगवान वर्तमान में दिल्ली ट्रैफिक पुलिस रोड सेफ्टी सेल, पंजाबी बाग में पोस्टेड हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि सांगवान को इंडियन पीनल कोड की सभी धाराएं भी रागिनी के मार्फत याद हैं IPC 1860, धारा 493 से 498 A chapter 20 or 20 A रागिनी में उन्होंने खुद की गाकर बयां की.

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आईपीसी वाली रागिनी

"अलग जुर्म की अलग सजा IPC में बतलाई

सुनल्यो ध्यान लगा कै  भाई

493 शादी ना हुई फिर भी पक्की जचा द्ई

494 पति पत्नी जिंदा दुजी शादी रचा द्ई

495 दुसरी आगै पहली शादी छुपा द्ई

496 छल पूर्वक ना करनी चाहिये ब्याह शादी

497 जरकरम शादी शुदा औरत संग समझा दी

498 शादी शुदा को बहका लेग्या हवा ना दी

498 A शादी शुदा ओर करकै दुखी सताई

सुनल्यो ध्यान लगाकै भाई."

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