दिल्ली में दुकानों की सीलिंग के खिलाफ व्यापारी प्रदर्शन कर रहे हैं. शुक्रवार को दिल्ली के पॉश इलाकों में व्यापारियों ने काले झंडे दिखाकर और रैली निकालकर एमसीडी के खिलाफ प्रदर्शन किया. बता दें कि 22 दिसम्बर को डिफ़ेन्स कॉलोनी में कई दुकानें सील की गई थी. जो अभी तक सील ही हैं.
प्रदर्शन को आक्रामक रूप देने की कोशिश
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स असोसिएशन के साथ इस रैली में यहाँ के सभी दुकानदार शामिल हुए. प्रदर्शन के दौरान दुकानदारों ने ट्रैफिक को रोकने की कोशिश भी. प्रदर्शनकारियों ने एक डीटीसी बस के ड्राइवर को धमकाया. बस पर डंडे मारे गए. हालाँकि बस को कोई नुकसान नहीं हुआ. दुकानदारों ने अपनी दुकान के सामने भी काले झंडे लगाकर एमसीडी के खिलाफ प्रदर्शन किया.
व्यापारियों का कहना है कि सरकार ने 30 जून का समय भी नहीं दिया. ये फैसला तो बाद में किया गया कि कन्वर्जन शुल्क को जमा करने की आखिरी तारीख 30 जून 2018 है. मगर हमारी दुकान तो दिसम्बर 2017 से बंद है. यहां दुकानदार बेरोजगार हो गए हैं. हमारी दुकानें फिर से खुलनी चाहिए.
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ग्रेटर कैलाश में 225 दुकानें बंद
दिल्ली में बीते कुछ दिनों से कई जगहों पर दुकानें सील की जा रही हैं, लेकिन सीलिंग के विरोध में आज कई मार्केट बंद रहे. ग्रेटर कैलाश में फिलहाल एमसीडी की ओर से कोई भी दुकान सील नहीं की गई है, लेकिन दुकानदारों को डर है कि अगला नंबर उनका तो नहीं. इसी कारण करीब 225 दुकानें आज यहाँ बंद रखी गई हैं.
ग्रेटर कैलाश में एम ब्लॉक स्थित मार्केट के एसोसिएशन के चेयरमेन राजेंद्र शारदा का कहना है कि बिना नोटिस के दुकानें बंद की जा रहीं है जो बहुत गलत है. हमने एक दिन के लिए ये बंद बुलाया है.
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11 बाजारों ने रखा बंद
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा था कि 22 जनवरी तक दिल्ली में सीलिंग जारी रहेगी. इसके विरोध में साउथ दिल्ली के व्यापारियों ने 11 बाजारों को बंद रखा. दुकानदारों का आरोप है कि सरकारी कमेटियों के बताए गए नियमों के मुताबिक टैक्स जमा किये थे, लेकिन फिर भी सीलिंग जारी है.
कंफेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स असोसिएशन के प्रवीण खंडेलवाल ने कहा कि अगर सरकार समय रहते नहीं जागी तो व्यापारी बर्बाद हो जाएंगे और साथ ही हजारों कर्मचारी बेरोजगार हो जाएंगे.
कोर्ट के ऑर्डर के बाद हुई सीलिंग
साउथ एक्स मार्केट असोसिएशन के राजेश गोयल ने बताया कि दुकानदार साल 2010 में रिवाइज्ड टैक्स दे चुके हैं. कई कमेटियां बन चुकी हैं, लेकिन तलवार हमेशा दुकानदारों के ऊपर ही लटकी रहती है. गोयल ने कहा कि मास्टर प्लान 2021 के मुताबिक जो जगहें निर्धारित थीं, दुकानें वहीं बनी हैं. अगर मार्केट प्लेस में मार्केट नहीं चलेंगी तो कहाँ चलेंगी.
सुप्रीम कोर्ट के ऑर्डर के बाद दिल्ली की एमसीडी ने अवैध दुकानों की सीलिंग शुरू की है.