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Toxic Foam In Yamuna: बढ़ते प्रदूषण के बीच यमुना में दिखा जहरीला झाग, जानें वजह

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के बीच यमुना में दिखे जहरीले झाग ने टेंशन बढ़ा दी है. दिल्ली में कालिंदी कुंज इलाके के नजदीक से बह रही यमुना नदी में भारी मात्रा में झाग बह रहा है.

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Toxic foam on the surface of Yamuna river (File Photo)
Toxic foam on the surface of Yamuna river (File Photo)

दिल्ली में लगातार बढ़ रहे प्रदूषण के बीच यमुना में दिखे जहरीले झाग ने टेंशन बढ़ा दी है. दिल्ली में कालिंदी कुंज इलाके के नजदीक से बह रही यमुना नदी में भारी मात्रा में झाग बह रहा है. झाग का वीडियो भी सोशल मीडिया पर तेजी से शेयर किया जा रहा है. न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक विशेषज्ञों ने डिटर्जेंट को इस प्रदूषण के बड़े कारणों में से एक बताया है. 

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीसीबी) के एक अधिकारी ने इस झाग के बारे में बताया कि देश में ज्यादातर डिटर्जेंटों के पास आईएसओ (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) का प्रमाणपत्र नहीं है जिसने इस रासायनिक पदार्थ फॉस्फेट की मात्रा तय कर रखी है. अधिकारी के अनुसार जहरीले झाग बनने के पीछे प्राथमिक कारण रंग उद्योग, धोबी घाट और परिवारों में उपयोग में लाए जाने वाले डिटर्जेंट की वजह से अपशिष्ट जल में उच्च फॉस्फेट की मात्रा है. 

उन्होंने कहा, 'परिवारों एवं रंग उद्योग में बड़ी संख्या में बिना ब्रांड के डिटर्जेंटों का उपयोग किया जाता है. उच्च फॉस्फेट मात्रा वाला अपशिष्ट जल अशोधित नालों के जरिए नदी में पहुंचता है.' अधिकारी के अनुसार, जब नदी सामान्य ढंग से बह रही होती है तब ये डिटर्जेंट और अन्य आर्गेनिक पदार्थ नदी तल पर जमा हो जाते हैं. जब अधिक पानी छोड़ा जाता है तो ओखला बैराज पर पहुंचकर वह ऊंचाई से गिरता है और फलस्वरूप मथने से झाग बनता है.'

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इस जहरीले झाग को खत्म करने की बात पर उन्होंने कहा कि इस समस्या का हल यह है कि सीवर नेटवर्क से जुड़ा हो तथा अपशिष्ट जल का शोधन हो. बोर्ड के अधिकारी ने कहा, 'यदि 100 फीसदी गंदे पानी का शोधन किया जाएगा तो ऐसी समस्या बिल्कुल नहीं आएगी. अपशिष्ट शोधन संयंत्रों की क्षमता का पूरा दोहन नहीं किया जाता है और मानकों को पूरा नहीं किया जाता है. यही कारण है कि ऐसी समस्या सामने आती है.'

यमुना में दिखा जहरीला झाग

यमुना के पानी में अमोनिया का स्तर बढ़ा
हाल ही में दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष राघव चड्ढा ने कहा था कि यमुना में अमोनिया का लेवल बढ़ गया है जिसके कारण पानी की सप्लाई में भी दिक्कत आ सकती है.

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चड्ढा ने बीते गुरुवार को कहा, 'हरियाणा द्वारा छोड़े जाने वाले यमुना के अशोधित जल में प्रदूषकों (अमोनिया) का स्तर असामान्य रूप से बढ़ जाने के चलते सोनिया विहार और भागीरथी जल शोधन संयंत्र में जल शुद्धिकरण कार्य प्रतिकूल रूप से प्रभावित होगा. इसके कारण पूर्वी, उत्तर पूर्वी और दक्षिण दिल्ली के कुछ हिस्सों में पानी की सप्लाई प्रभावित हो सकती है.'

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