किसान आंदोलन से जुड़े टूलकिट मामले में दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने आरोपी शुभम कर चौधरी की 15 मार्च तक के लिए गिरफ्तारी पर रोक लगा दी है. शुभम की तरफ से पटियाला हाउस कोर्ट में अग्रिम जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. उसको गोवा कोर्ट की तरफ से 12 मार्च तक टूलकिट मामले में प्रोटेक्शन दी गई थी, जिसकी वजह से पुलिस उसको गिरफ्तार नहीं कर सकती थी.
शुभम कर चौधरी को गोवा कोर्ट की तरफ से 12 मार्च तक टूलकिट मामले में प्रोटेक्शन दी गई थी. ये अवधि आज खत्म हो रही थी. लिहाजा कोर्ट ने उसकी अग्रिम जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए, दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि केस मामले की अगली सुनवाई तक उसकी गिरफ्तारी पर रोक आगे भी जारी रहेगी.
आज हुई सुनवाई के दौरान शुभम का पक्ष रखते हुए उसके वकील ने कहा कि क्योंकि टूलकिट मामले में न तो वह टूलकिट बनाने में शामिल था और ना ही उसे एडिट करने में. लिहाज़ा उसका मामला बाकी और आरोपियों से बिल्कुल अलग है. शुभम पुलिस को जांच में सहयोग के लिए पूरी तरह से तैयार हैं, लेकिन इस मामले में उसकी गिरफ्तारी पर रोक आगे भी बरकरार रखी जाए.
15 मार्च को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट टूलकिट मामले में तीन आरोपियों की अग्रिम जमानत अर्जी पर एक साथ सुनवाई करेगी, इसमें निकिता जैकब, शांतनु मुलुक और शुभम कर चौधरी शामिल हैं. कोर्ट से मिले प्रोटेक्शन के चलते इन तीनों में से किसी की भी गिरफ्तारी दिल्ली पुलिस अब तक नहीं कर पाई है. ऐसे में 15 मार्च को होने वाली सुनवाई अहम होगी.
इससे पहले इस मामले में एक और आरोपी एक्टिविस्ट दिशा रवि की गिरफ्तारी के बाद पटियाला हाउस कोर्ट उसे जमानत पर रिहा कर चुका है. रवि को रिहा करते समय कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि सरकार का विरोध करना या सरकार की राय से सहमत होना देशद्रोह की श्रेणी में नहीं आता है.