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मंडी से मेज तक आते-आते 5 गुना महंगा हो जाता है टमाटर

रामकुमार कहते हैं कि इस साल फसल कम पैदावार हुई लेकिन यहां पर आढ़ती प्रति किलो टमाटर महज 18 से 20 रूपए प्रति किलो और प्याज 15 रूपए किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं. किसान की मजबूरी है कि उसे इतने कम दाम में ही अपनी फसल मंडी में बेचनी पड़ रही है.

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किसान को नहीं मिलती फसल की सही कीमत
किसान को नहीं मिलती फसल की सही कीमत

दिल्ली में जिस महंगाई पर आप टमाटर खरीद रहे हैं उसकी क्या कीमत किसान को मिल रही है, इसका अंदाजा लगाना जरा मुश्किल है. क्योंकि अगर आप दिल्ली के सफल स्टोर से टमाटर खरीदने जाएंगे तो वहां आपको टमाटर 70 रुपए प्रति किलो के दाम से मिलेगा. वहीं प्याज 50 रुपए प्रति किलो तक मिलेगी. लेकिन दिल्ली के होलसेल बाजारों में क्या स्थिति है यह जानने के लिए जब 'आजतक' की टीम गाजीपुर थोक मंडी पहुंची तो वहां हैरान करने वाला सच सामने आया.

फुटकर में टमाटर 80 से 100 तक पहुंच गया है तो वहीं होलसेल में 60 रूपए के पार जा पहुंचा है. वहीं प्याज होलसेल में 30 से 40 रूपए तक जा पहुंची है जो रिटेल मे आते-आते 60 रूपए प्रति किलो हो जाती है. लेकिन जो टमाटर आप को सौ रुपए प्रति किलो तक मिल रहा है उसका लाभ किसान कतई नहीं उठा पा रहा है, क्योंकि उसे फसल की बिक्री पर मिलने वाली कीमत बाजार में बिक्री की कीमतों से काफी कम है.

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ऐसे ही एक किसान रामकुमार बीते 25 साल से खेती करते हैं और सब्जियों को दिल्ली की होलसेल गाजीपुर मंडी में बेचने आते हैं. रामकुमार कहते हैं कि इस साल फसल कम पैदावार हुई लेकिन यहां पर आढ़ती प्रति किलो टमाटर महज 18 से 20 रूपए प्रति किलो और प्याज 15 रूपए किलो के हिसाब से खरीद रहे हैं. किसान की मजबूरी है कि उसे इतने कम दाम में ही अपनी फसल मंडी में बेचनी पड़ रही है.

कुल मिलाकर एक बात तो साफ़ है कि खेत से बेहद कम मूल्य में निकली सब्जी आप की थाली में आते-आते कई गुना कीमती हो जाती है. किसान को अपनी फसल का उचित दाम नहीं मिलता और आम जनता महंगी सब्जी से परेशान है.

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