दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में आज पुलिस और वकीलों के बीच जबरदस्त झड़प के बाद हिंसा हुई. घटना के विरोध में वकीलों ने हड़ताल करने की घोषणा की है. दिल्ली की निचली अदालतों के वकील 4 नवंबर को हड़ताल पर रहेंगे. वहीं, आज हुई घटना के खिलाफ पुलिस आयुक्त गृह मंत्रालय को ज्ञापन भी देंगे. 4 नवंबर को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप रखने का ऐलान किया गया है.
इस मामले पर कोऑर्डिनेशन कमिटी के चेयरमैन महावीर शर्मा और सेक्रेटरी जनरली धीर सिंह कसाना ने बताया कि तीस हजारी कोर्ट में पुलिस द्वारा की गई फायरिंग के विरोध में 4 नवंबर को दिल्ली की सभी जिला अदालतों में कामकाज ठप रखने का फैसला किया गया है.
Mahavir Sharma, Chairman and Dhir Singh Kasana, Coordination Committee Secretary General: Complete abstinence from work in all Delhi District Courts on 4th November against the shooting by police on advocates in Tis Hazari Court. #Delhi
— ANI (@ANI) November 2, 2019
'लॉकअप के अंदर घुसना चाहते थे वकील'
वहीं, एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, ' थर्ड बटालियन के पुलिस और वकीलों के बीच हाथापाई पार्किंग को लेकर हुई थी. इस मामले में कुछ अन्य वकील भी शामिल हुए, वे लॉकअप के अंदर घुसना चाहते थे और वे बदला लेना चाहते थे, लेकिन हमने वकीलों को अंदर नहीं आने दिया. हमने अंदर से ताला बंद कर दिया ताकि बिना किसी जोखिम के जवानों और कैदियों को अदालत के सामने पेश किया जाए. जब वकील अंदर नहीं जा सके तो वे आग जलाकर लॉकअप तोड़ना चाहते थे.'
Additional DCP (north), Harender Singh on scuffle between Delhi police & lawyers at Tis Hazari Court: The scuffle was only over parking, between jawans of 3rd Battalion and lawyers. Some other lawyers joined too, they wanted to enter inside the lockup. They wanted to take revenge pic.twitter.com/zIOBKcKnZy
— ANI (@ANI) November 2, 2019
एडिशनल डीसीपी हरेंद्र सिंह ने कहा, 'कोर्ट परिसर के अंदर हमलोगों ने सिर्फ पुलिस ही नहीं कैदियों की भी जान बचाने की कोशिश की. अगर किसी को गोली लगी है तो वो मेडिकल रिपोर्ट में सामने आएगा. हमें चोटें आईं. मुझे गर्व है कि मैंने लोगों को बचा लिया.'
वकील गंभीर रूप से घायल
वहीं बार काउंसिल ऑफ दिल्ली के अध्यक्ष केसी मित्तल ने पुलिस द्वारा वकीलों पर किए गए हमले की कड़ी निंदा की. उन्होंने कहा कि एक वकील गंभीर रूप से घायल है. उन्होंने कहा कि उच्च पद पर बैठे एक पुलिस ने लॉकअप में वकील को पीटा, उन्हें बर्खास्त किया जाना चाहिए और मुकदमा चलाया जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम दिल्ली के वकीलों के साथ खड़े हैं.
बता दें कि पुलिस और वकीलों के बीच विवाद इतना बढ़ा कि देखते ही देखते वकीलों ने पुलिस जिप्सी और कई अन्य वाहनों में आग भी लगा दी. वहीं, पुलिस फायरिंग में कई वकील घायल भी हो गए. इसके अलावा वकीलों ने कोर्ट परिसर में खड़ी कई गाड़ियों में तोड़फोड़ भी की. इस जबरदस्त झड़प में वकीलों ने पुलिस के कुछ अधिकारियों की भी पिटाई कर दी.
इसके बाद से ही अदालत परिसर का माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है. वहीं, तीस हजारी के सभी गेट पुलिस ने बंद कर दिए हैं, किसी भी बाहरी व्यक्ति को अंदर नहीं जाने दिया जा रहा है.
इस घटना के दौरान वकीलों ने मौके पर पहुंचे कई पत्रकारों की पिटाई भी की. घटना के बाद कोर्ट परिसर में गुस्साए वकीलों ने काफी बवाल काटा. वहीं, तीस हजारी कोर्ट में हुई हिंसक घटना के बाद कड़कड़डूमा कोर्ट में भी वकीलों ने जमकर बवाल किया और पुलिस बैरिकेड को आग लगा दी. किसी तरह पुलिस ने मामला शांत कराया. वहीं, डीसीपी मोनिका भारद्वाज के साथ बदसलूकी का मामला सामने आया है.