दिल्ली अल्पसंख्यक आयोग के चेयरमैन जफर उल इस्लाम को उनके पद से हटाने को लेकर एलजी ने दिल्ली माइनॉरिटी कमिशन एक्ट के सेक्शन चार के तहत शो कॉज नोटिस इश्यू किया है. दिल्ली हाईकोर्ट में सोमवार को एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान एलजी के वकील ने कोर्ट को एलजी द्वारा शो कॉज नोटिस जारी होने की जानकारी दी है.
कोर्ट आज जफर उल इस्लाम खान को उनके पद से हटाने के लिए लगाई गई एक जनहित याचिका पर सुनवाई कर रहा था. जिसमें याचिकाकर्ता की तरफ से कोर्ट को जफर उल इस्लाम खान को नोटिस जारी करने की मांग की गई थी. जिसके बाद केंद्र सरकार और एलजी की तरफ से पेश हुए वकील ने कोर्ट को बताया कि 8 मई को एलजी ने खान को उनके विवादास्पद बयान को लेकर शो कॉज नोटिस जारी करके जवाब मांगा है.
एलजी के वकील ने कोर्ट को ये भी बताया कि 15 जुलाई को जफर उल इस्लाम खान का कार्यकाल समाप्त हो रहा है. जिस पर कोर्ट ने कहा कि शो कॉज नोटिस पर एक समय सीमा के भीतर जफर उल इस्लाम खान को जवाब देने का निर्देश दिया जाए. इस मामले में वकील अलख आलोक श्रीवास्तव ने याचिकाकर्ता की तरफ से पैरवी की.
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हाईकोर्ट ने यूं तो कोई समय सीमा तय नहीं की लेकिन कहा कि 14 जुलाई से पहले इस मामले में एलजी जफरुल इस्लाम से उनका जवाब ले लें. कोर्ट ने फिलहाल इस मामले का निस्तारण ये कहकर कर दिया है कि एलजी के नोटिस के बाद कोर्ट को इस मामले में हस्तक्षेप की जरूरत नहीं है.
बता दें, जफर उल इस्लाम खान ने 28 अप्रैल को ट्वीट करके और अपने फेसबुक अकाउंट पर लिखा था कि भारत में मुसलमानों को प्रताड़ित किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा था कि अभी तो भारत में रह रहे मुसलमानों ने उनके खिलाफ लिंचिंग और नफरती अभियानों की शिकायत अरब देशों के मुस्लिमों से नहीं की है. लेकिन उनकी तरफ से अगर ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता रहा तो भारत की परेशानियां बढ़ सकती हैं.
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जफर उल इस्लाम यहीं नहीं रुके, उन्होंने कुवैत को भारतीय मुसलमानों के साथ खड़े होने के लिए भी धन्यवाद किया. सोशल मीडिया पर अपने इस बयान की वजह से जफरुल इस्लाम लोगों के निशाने पर आ गए थे.