दिल्ली में आए दिन नए-नए घोटाले सामने आते हैं, अब एक ऐसा घोटाला सामने आया जिसके बारे में सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे. राजधानी में शेयर घोटाले के कारण ट्रेडिंग के कारोबारियों को करोड़ों का चूना लगा है, इतना ही नहीं सरकार से भी ठगी जारी है.
दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने खुलासा किया है राज्य के सबसे बड़े शेयर घोटाले का. घोटाला 3 करोड़ के ऊपर का है. आपको जानकर हैरानी होगी कि शेयर बाजार की नियामक संस्था सेबी यानि सेक्योरिटी एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया की नाक के नीचे पिछले 5 सालों से ठगी का ये धंधा चल रहा था, वो भी डब्बा ट्रेडिंग के जरिए.
डब्बा ट्रेडिंग वो नायाब डब्बा है, जो न केवल काले धन को सफेद करता है बल्कि टैक्स बचाने के लिए सफेद धन को काला भी कर देता है. डब्बा कंपनियों के जरिये इसे अंजाम दे रहे हैं डब्बा ट्रेडर्स.
डब्बा कंपनियां और डब्बा ट्रेडर्स सरकार को करोड़ों के टैक्स का चूना लगा रहे हैं. भोले-भाले निवेशकों को ठग रहे हैं. डब्बा ट्रेडर्स ऐसी ट्रेडिंग करते हैं जो स्टॉक एक्सचेंज के सर्वर पर पहले तो दर्ज नहीं होता अगर होता भी है तो फर्जी नाम से.
इन कंपनियों के शेयरों की ट्रेडिंग करते हैं डब्बा ट्रेडर्स. फर्क केवल यह होता है कि डब्बा शेयर ब्रोकर अपने निवेशकों के सभी सौदों को शेयर बाजार के नियम के मुताबिक नहीं निपटाते. बल्कि ये डब्बा ट्रेडर्स सौदों को केवल अपने डब्बे में दर्ज करता है और सर्विस टैक्स, मार्जिन मनी और ट्रांजैक्शन फीस को चुरा लेता है.
आर्थिक अपराध शाखा को इसकी शिकायत 6 साल पहले मिली थी. जांच के बाद डब्बा ट्रेडिंग आरोपी वीडी अग्रवाल को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है और गोरखधंधे में शामिल बेटे अभिनव अग्रवाल की तलाश कर रही है.
वीडी अग्रवाल यानी कि विष्णु देव अग्रवाल को दिल्ली की आर्थिक अपराध शाखा ने 13 दिसंबर को गिरफ्तार किया था. आर्थिक अपराध शाखा के मुताबिक मुल्जिम विष्णु देव अग्रवाल इस वक्त जेल में हैं. अभिप्रा कैपिटल लिमिटेड के नाम से ट्रेडिंग कंपनी चलाने इस शख्स पर आरोप है कि इसने अपने बेटे अभिनव अग्रवाल के साथ मिलकर अभिप्रा में निवेश करने वाले लोगों को करोड़ों का चूना लगाया.