सुप्रीम कोर्ट ने रमनसिंह की सरकार से सीधा-सीधा पूछा है कि दो हफ्तों में बताए कि हेलीकॉप्टर खरीद मामले में आखिर प्रिंसिपल सेक्रेट्री की राय की अनदेखी क्यों की गई? प्रिंसिपल सेक्रेटरी के जनरल नोटिस पर क्या सरकार ने विचार किया था? कोर्ट ने एक ही कम्पनी से हेलीकॉप्टर खरीद की फाइल भी तलब की है.
कोर्ट ने कहा- सरकार ने कोष की बर्बादी की
सुनवाई के दौरान कोर्ट की तल्ख़ टिप्पणी करते हुए कहा- हम सरकारी ख़ज़ाने में गबन को जान समझ कर भी आंखें मूंदे नहीं रह सकते. प्रशांत भूषण ने दलील देते हुए कहा कि सरकार ने ऑगस्टा से ही हेलीकॉप्टर खरीदने का मन बना रखा था. तभी सुरक्षा मानकों की अनदेखी की गई. इस पर बेंच के सदस्य जस्टिस यूयू ललित ने भी टिप्पणी की कि ऐसा लगता है कि बाजार जा कर सब तरह से बेहतरीन टीवी तलाशने और छांट कर खरीदने के बजाय सरकार ने घर बैठे ही सोनी टीवी खरीदने की ठान ली थी. ये सरकारी कोष की बर्बादी है. कोर्ट ने छत्तीसगढ़ सरकार को दो हफ्तों में जवाब दाख़िल करने को कहा है.
ये है मामला
आरोप है कि छत्तीसगढ़ सरकार ने 2007 में अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर के भुगतान 30 प्रतिशत से अधिक कमीशन एक डीलर को दिया. योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण ने मामले में छत्तीसगढ़ के सीएम रमन सिंह पर बेटे की कंपनी के जरिए कमीशनखोरी का आरोप लगाया है. आरोप है कि झारखंड ने जिस कीमत में खरीदा, उससे 65 लाख अधिक में यहां हेलिकॉप्टर खरीदा गया.