दिल्ली सरकार के आवासीय इलाकों में पार्किंग शुल्क लगाने के प्रस्ताव को एमसीडी ने खारिज कर दिया है. देश की राजधानी दिल्ली में जहां 2 करोड़ लोग रहते हैं वहीं एक करोड़ गाड़ियां भी रजिस्टर्ड है. जाहिर है मौजूदा समय में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग है.
ऐसे में बीते कई महीनों से दिल्ली की नई पार्किंग पॉलिसी को लेकर चर्चाएं चल रही हैं. उपराज्यपाल ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और जनता से सीधे जुड़े रहने वाले आरडब्ल्यूए से इस पॉलिसी को लेकर सुझाव मांगे थे, जिसके बाद सभी ने उपराज्यपाल को सुझाव भेज दिए हैं.
दिल्ली सरकार के ट्रांसपोर्ट विभाग ने इस मसौदे में आवासीय क्षेत्र में पार्किंग करने पर चार्ज लगाने का सुझाव दिया है. वहीं, रोड और गलियों में पार्क करने पर चार्ज बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा है.
जबकि, दिल्ली नगर निगम आम जनता को राहत देने के मूड में नजर आ रही है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम ने उपराज्यपाल को भेजे प्रस्ताव में घर के बाहर गाड़ी खड़ी करने में किसी भी तरह का शुल्क ना लेने की बात कही है. दक्षिणी दिल्ली नगर निगम के डिप्टी मेयर कैलाश सांखला के मुताबिक हम अपने इलाके में रहने वाले किसी भी व्यक्ति पर अतिरिक्त शुल्क का भार नहीं डालना चाहते हैं. इसलिए एमसीडी ने दिल्ली सरकार के इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है.
दिल्ली की आरडब्ल्यूए एसोसिएशन से जुड़े लोग कहते हैं कि नई पॉलिसी ऐसी होनी चाहिए जो अलग अलग एरिया की समस्याओं को हैंडल कर सके. सरकार तय करेगी हर घर में कितनी गाड़ियां रजिस्टर्ड हो सकती हैं. हमने आरडब्ल्यूए एसोसिएशन के पदाधिकारी राजीव काकरिया से बात की जिन्होंने इस मसले पर आरडब्ल्यूए की तरफ से सुझाव उपराज्यपाल को भेजे हैं.
राजीव कहते हैं कि केवल आवासीय क्षेत्र में शुल्क लगाने से पार्किंग व्यवस्था नहीं सुधरेगी. सरकार तय करें कि किस घर में कितनी गाड़ियां हों और अगर पार्किंग की व्यवस्था ना हो तो रजिस्ट्रेशन ना किया जाए. हालांकि, पार्किंग एक्सपर्ट कहते हैं कि घर के बाहर पार्किंग टैक्स लगाना समस्या का हल नहीं है, इसके लिए हर कुछ एरिया पर मल्टीलेवल पार्किंग हब बनानी होगी. जाहिर है दिल्ली वालों को नई पॉलिसी से पार्किंग में राहत मिलने की बड़ी उम्मीद है.