राजधानी दिल्ली में कोरोना वायरस एक बार फिर कहर बन रहा है. बीते दिन दिल्ली में कुल 7437 नए केस दर्ज किए गए, जो इस साल का सबसे बड़ा आंकड़ा है. दिल्ली में बीते कुछ दिनों से हर रोज़ औसतन 5 हज़ार से ज्यादा मामले आ रहे थे, लेकिन अब तो ये आंकड़ा 7 हज़ार को भी पार कर गया है. दिल्ली में बीते दिन 24 लोगों की मौत भी हुई है. ऐसे में सरकार के लिए चिंता बढ़ाने वाली बात है.
दिल्ली में 7437 मरीज मिले और आधे आईसीयू बेड रिजर्व किए जा चुके हैं. 139 दिनों में यह सबसे बड़ी संख्या है. कोरोना की वजह से 24 मौतें हुईं और इन्फेक्शन रेट 8.51% हो गया. 115 प्राइवेट अस्पतालों में आईसीयू के 50% बेड रिजर्व कर दिए गए हैं. तो वहीं राजधानी के अंतर्गत आने वाले अलग-अलग श्मशान घाटों पर तैयारियों के मद्देनजर कोविड होने वाले अंतिम संस्कार को लेकर चिताएं रिजर्व हो रही हैं.
राजस्थानी दिल्ली के सबसे बड़े श्मशान घाट निगमबोध में करीब 20 चिताएं रिजर्व की गई हैं. वहीं साउथ एमसीडी के बड़े श्मशान घाट पंजाबी बाग और हस्तसाल को मिला दें तो 15 रिजर्व की गई है. ईस्ट एमसीडी के अंतर्गत आने वाले गाजीपुर श्मशान घाट में 15 कड़कड़डूमा में 10 और सीमापुरी श्मशान घाट में करीब 10 चिताएं रिजर्व की गई हैं.
एक तरफ जहां कोरोना बढ़ रहा है तो वहीं दूसरी तरफ इससे मौतों का सिलसिला भी बढ़ रहा है. नॉर्थ एमसीडी से मिले आंकड़ों के मुताबिक 14 मार्च 2020 से 5 अप्रैल 2021 तक अकेले निगमबोध घाट पर कुल 5504 अंतिम संस्कार कोविड प्रोटोकॉल के तहत किया गया है. पिछले एक हफ्ते में कुल 27 मौतों का आंकड़ा दर्ज किया गया है.
निगमबोध घाट में कुल 120 प्लेटफार्म हैं और जलाने की कैपेसिटी 100 से 150 है. साउथ एमसीडी के पंजाबी बाग शमशान घाट पर भी 50 से 100 लोगों के अंतिम संस्कार की कैपेसिटी है. नॉर्थ निगम के महापौर जय प्रकाश ने बताया कि जहां 1 या दो अप्रैल तक निगमबोध घाट पर एक या दो मौतें थी, वहीं पिछले तीन दिनों से मौतों का आंकड़ा 5-6 है.