दिल्ली के पावर वॉर को लेकर विधेयक लोकसभा और राज्यसभा, दोनों ही सदनों से पारित हो गया है. राज्यसभा में राघव चड्ढा ने दिल्ली विधेयक पर चर्चा के दौरान भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को लालकृष्ण आडवाणी, सुषमा स्वराज और मदनलाल खुराना के नाम लेकर खूब घेरा. उन्होंने पूर्ण राज्य के वादे का भी जिक्र किया और बाद में विधेयक को सेलेक्ट कमेटी को भेजने का भी प्रस्ताव रखा. इस प्रस्ताव को लेकर विवाद हो गया है.
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बीजेपी ने इसे लेकर आम आदमी पार्टी और राघव चड्ढा के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है. राघव चड्ढा पर फर्जी सिग्नेचर के आरोप को लेकर दिल्ली सरकार के मंत्री सौरभ भारद्वाज ने कहा है कि ये सरासर झूठ है. उन्होंने कहा कि इस मोशन पर किसी भी संसद सदस्य के हस्ताक्षर की न तो जरूरत होती है और ना ही उस पर कोई हस्ताक्षर थे.
सौरभ भारद्वाज ने कहा कि बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों ने संसदीय प्रणाली के विषय में एक झूठी बात पूरे देश को बताई. संसद में ये झूठ बताया गया. उन्होंने कहा कि ये अपने आप में एक बहुत बड़ा और गंभीर विशेषाधिकार का मामला है. सौरभ ने कहा कि निश्चित रूप से बीजेपी के नेताओं और मंत्रियों के खिलाफ विशेषाधिकार का मामला बनता है.
उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी राहुल गांधी की तरह राघव चड्ढा की सदस्यता खत्म करने की कोशिश कर रही है. सौरभ ने कहा कि ये लोग बहुत ताकतवर हैं लेकिन उनको बताना चाहता हूं कि आप सदस्यता खत्म कर देंगे तब भी राघव दोबारा चुन के आएंगे और संसद में लोगों की आवाज उठाते रहेंगे.
राघव के बचाव में क्या बोले संजय सिंह
संजय सिंह ने ट्वीट कर राघव चड्ढा का बचाव किया है. संजय सिंह ने ट्वीट कर कहा है कि सदन में गृह मंत्री (अमित शाह) बौखलाए थे. गृह मंत्री ने कहा कि राघव चड्ढा का नाम विशेषाधिकार समिति में भेजो. संजय सिंह ने अपने ट्वीट में आगे लिखा कि क्या आपको पता नहीं सेलेक्ट कमेटी में नाम प्रस्तावित करने के लिये किसी के सिग्नेचर की जरूरत नही? झूठ और अफवाह मत फैलाइए गृह मंत्रीजी.
क्या है मामला
राघव चड्ढा ने ये बिल सेलेक्ट कमेटी को भेजने का प्रस्ताव रखा. उन्होंने इस कमेटी के लिए सदस्यों के नाम का भी प्रस्ताव दिया. इनमें से चार सदस्यों बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉक्टर सुधांशु त्रिवेदी, डॉक्टर एम थंबीदुरई, एस फैगनॉन कान्याल और बीजू जनता दल (बीजेडी) के डॉक्टर सस्मित पात्रा ने अपना नाम बिना सहमति लिए सलेक्ट कमेटी के लिए प्रस्तावित करने पर आपत्ति जताई.
बीजेपी के नरहरि अमीन और वाईएसआर कांग्रेस के निरंजन रेड्डी ने भी अपना नाम दिल्ली से संबंधित बिल को लेकर सेलेक्ट कमेटी के लिए प्रस्तावित किए जाने पर विरोध जताया. चार सांसदों ने इसे लेकर विशेषाधिकार हनन की शिकायत की है.