साल 2016 के पहले दिन राजधानी दिल्ली में जहां ऑड-इवन फॉर्मूले को अपनाया गया वहीं साल 2015 का आखिरी दिन यानि 31 दिसंबर को दिल्ली में वायु प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा को पार कर गया. उर्जा एवं शोध संस्थान (टेरी) ने अपने विश्लेषण में कहा है कि बीते साल के अंतिम दिन वायु प्रदूषण का स्तर निर्धारित सीमा को पार कर गया और हवा की गुणवत्ता बेहद ‘खराब’ थी, जिससे लोगों को सांस और हृदय से संबंधित समस्याओं का सामना करने का खतरा बढ़ गया है.
टेरी द्वारा शहर के चार स्थानों पर प्रवृत्तियों के विश्लेषण में पीएम 10, पीएम 2.5 और एनओएक्स के संबंध में क्रमश: 24 घंटे का औसत संघनन ‘उच्चतर’ पाया गया.
वायु प्रदूषण का स्तर पिछले साल की तरह ही
टेरी के मुताबिक ‘31 दिसंबर 2015 को दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में वायु प्रदूषण का स्तर कमोबेश पिछले दिन की तरह रहा और निर्धारित सीमा का उल्लंघन किया.’ टेरी ने कहा, ‘मंदिर मार्ग, आर के पुरम, पंजाबी बाग और आनंद विहार: चार स्थानों पर पीएम 10 पीएम 2.5 और एनओएक्स के मामले में 24 घंटे के औसत मानकों के संबंध में औसत संघनन 4.6, 4.2 और 1.2 गुना अधिक था.’ संस्थान के मुताबिक हवा की बेहद खराब गुणवत्ता से नागरिकों के सांस और हृदय संबंधी समस्याओं से पीड़ित होने का अधिक खतरा है.'
ऑड-इवन फॉर्मूले को मिला जनता का साथ
दिल्ली में नए साल से नई पहल शुरू हो गई. प्रदूषण कम करने के लिए ऑड-इवन नंबर की गाड़ियों का फॉर्मूला पहली जनवरी से लागू हो गया. एक जनवरी को शाम आठ बजे तक सड़कों पर सिर्फ ऑड नंबर यानी जिसके अंत में 1,3,5,7,9 नंबर आता हो, वही चलेंगी.
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने लोगों से कार पूल कर अपने-अपने काम पर पहुंचने की अपील की और खुद कार पूल कर अपने ऑफिस पहुंचे. केजरीवाल ने दिल्ली के लोगों को धन्यवाद देते हुए कहा कि लोगों ने इस फॉर्मूले को दिल से अपनाया है.
केजरीवाल ने भी किया कार पूल
केजरीवाल अपने परिवहन मंत्री गोपाल राय और स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन के साथ कार पूलिंग कर दफ्तर पहुंचे. केजरीवाल ने एफएम रेडियो पर भी लोगों से अपील की है कि अपने सहकर्मियों और पड़ोसियों के साथ मिलकर कार पूलिंग करें और ऑड-इवन नियम का पालन करें . फिलहाल यह 15 दिन का ट्रायल है, जो सुबह आठ से शाम आठ बजे तक लागू रहेगा. रविवार को यह लागू नहीं रहेगा. महिलाओं को भी इससे छूट दी गई है.
ऑड-इवन फॉमूला व्यापार के लिये नुकसानदेह
व्यापारियों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (कैट) ने प्रदूषण नियंत्रण के लिये दिल्ली सरकार के कारों को सम-विषम फार्मूले से चलाने की योजना को दिल्ली के व्यापार के लिये नुकसानदेह बताया.
कैट ने कहा है कि दिल्ली में काम करने वाले ज्यादातर व्यापारी दिल्ली से सटे इलाकों नोएडा, फरीदाबाद, गुड़गांव तथा अन्य जगहों पर रहते हैं और उन्हें साथ में आम तौर पर नकदी लेकर भी चलना पड़ता है. सार्वजनिक परिवहन में नकदी लेकर चलना उनके लिये जोखिम भरा हो सकता है.
कैट के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सम-विषम फार्मूले का जो ब्यौरा जारी किया है उसमें ट्रक-टैंपो को कोई छूट नहीं दी गई है जबकि दिल्ली में लगभग 80 प्रतिशत माल सड़क परिवहन के जरिये ही आता है. इससे दिल्ली की आपूर्ति पर गहरा असर पड़ेगा और वस्तुओं की किल्लत हो जायेगी.