देश आज बुराई पर अच्छाई की जीत का त्योहार मना रहा है. शहर-शहर में बुराई और असत्य के प्रतीक रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद का पुतला फूंका जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के साथ दिल्ली के द्वारका में विजयदशमी मनाएंगे. प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के आगमन को देखते हुए द्वारका श्रीरामलीला सोसाइटी तैयारियों को युद्धस्तर पर अंतिम रूप देने में लगा है.
पिछले साल राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल किले की लव-कुश रामलीला में आयोजित दशहरा उत्सव में हिस्सा लिया. इस मौके पर रावण, कुंभकर्ण और मेघनाद के पुतलों का दहन भी किया गया.
केंद्रीय मंत्री हर्षवर्धन और भारतीय जनता पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष व सांसद मनोज तिवारी भी इस मौके पर मंच पर उपस्थित थे.
पिछले साल दिल्ली के रामलीला मैदान में रावण का पुतला जलाया गया (IANS)
देशभर में यह त्योहार बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. देश के प्रधानमंत्री पारंपरिक तौर पर रामलीला मैदान में इस उत्सव में हिस्सा लेते हैं. इस मौके पर रावण, रावण के बेटे मेघनाद और उसके भाई कुंभकर्ण के पुतला दहन को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग उपस्थित थे.
2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी अलग-अलग जगहों पर दशहरा मनाते रहे हैं. 2014 में दिल्ली के रामलीला मैदान में वो रावण दहन में शामिल हुए तो 2015 में तिरुपति में मौजूद थे. 2016 में उन्होंने लखनऊ में दशहरा मनाया. 2017 और 2018 में दिल्ली के रामलीला मैदान में रावण दहन में शामिल हुए और इस बार उन्होंने दिल्ली के द्वारका को चुना है.