दिल्ली में हर दो मिनट में एक महिला छेड़छाड़ की शिकार होती है. ये चौंकाने वाला आंकडा महिला हेल्पलाइन 181 पर आई शिकायतों की पड़ताल में सामने आया है.
एक और आंकड़ा बेहद चौंकाता है और वो ये कि इसी साल जनवरी से लेकर जून तक यानी छह महीनों में पुलिस के पास करीब 92 ऐसी कॉल्स आईं जिनमें तेजाब से हमला करने या फिर हमले की धमकी देने की शिकायत की गई. लेकिन महज 36 मामलों में ही मुकदमें दर्ज किए गए.
तो क्या देश की राजधानी बेखौफ मनचलों के हवाले है? क्योंकि एक सर्वे से तो कम से कम यही पता चलता है कि मेट्रो में, दफ्तर या स्कूल आने-जाने में और बाजार में छेड़छाड़ की वारदात की शिकायत सबसे ज्यादा सामने आती हैं. महिला हेल्पलाइन 181 पर आई शिकायतों में महिलाओं का पीछा करना, फब्तियां कसना और तेजाब फेंकने की धमकी देना सबसे आम हरकतें है.
इस साल जून तक 181 नंबर पर दो लाख 92 हजार शिकायतें आईं. इसमें से एक लाख बीस हजार सिर्फ पीछा करके परेशान करने की हैं. पीछा करने की जितनी शिकायतें हैं उनमें 95 फीसदी आरोपी परिचित होते हैं.
यह आंकड़ा बताते हैं कि राजधानी में पुलिस के ढीले-ढाले रवैये की बदौलत आवारा घूमते मनचलों की हिम्मत इतनी बढ़ गई है कि वो सरेआम किसी को भी अपनी हरकतों का शिकार बनाने से नहीं हिचकते.
24 घंटे चलने वाले इस हेल्पलाइन नंबर को मुसीबत में फंसी महिलाओं की मदद करने और उनके खिलाफ अपराध की दर पर अंकुश लाने के लिए पिछले साल 31 दिसंबर को शुरू किया गया था. यह हेल्पलाइन दिल्ली सचिवालय में मुख्यमंत्री कार्यालय से चलती है.