राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कला के कद्रदान इन दिनों नेशनल क्राफ्ट्स म्यूजियम से खासे नाराज चल रहे हैं. दरअसल, आधुनिकता की दौर में आगे बढ़ते हुए म्यूजियम को इन दिनों खूबसूरत बनाने की कवायद चल रही है, लेकिन इस चक्कर में मशहूर मधुबनी पेंटिंग कलाकार स्वर्गीय गंगा देवी द्वारा सजाए गए एक कमरे को तोड़ दिया गया है.
इस कमरे की दीवारों और छतों पर हर तरफ मधुबनी शैली के चित्र बने थे. दिल्ली के कला प्रेमियों ने म्यूजियम की इस कार्रवाई पर विरोध जताया है. बताया जाता है कि 90 के दशक में करीब 6 महीने की कड़ी मेहनत के बाद गंगा देवी ने कमरे को मधुबनी पेंटिंग की शैली में चित्रों से सजाया था. खास बात यह है कि उसी दौरान उनका कैंसर का इलाज भी चल रहा था और उन्हें कीमोथेरेपी करवानी पड़ती थी.
'वह महान कलाकार थीं'
उस दौरान म्यूजियम के डायरेक्टर रहे ज्योतिंद्र जैन ने कहा कि वह कमरे को तोड़ने की कार्रवाई से काफी दुखी हैं. उन्होंने कहा, 'गंगा देवी ने मधुबनी पेंटिंग को नई दिशा दी. वह एक महान कलाकार थीं. उनकी कला और योगदान को देखते हुए ही सरकार ने उन्हें पद्मश्री दिया था. समकालीन लोकशैली व जनजातिय भारतीय कला के इतिहास में वह कमरा खास महत्व रखता था.'
कमरे को सजाने के क्रम में जब एक बार गंगा देवी से कीमोथेरेपी के दर्द और तकलीफों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने जवाब दिया था, 'मैं अपनी पूरी ऊर्जा पेंटिंग लगाती हूं. यह किमोथेरेपी से होने वाले दर्द से मेरा ध्यान हटाता है.'