विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया कि अब तक कुल 18 हजार भारतीयों ने यूक्रेन छोड़ दिया है. उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा की रफ्तार लगातार बढ़ती जा रही है. एक दिन में 15 फ्लाइट के जरिए 3 हजार भारतीयों को वापस लाया गया है. पिछले 24 घंटे में 30 फ्लाइट्स से 6400 भारतीयों को वापस लाया गया है. उन्होंने संकट के दौरान मदद के लिए यूक्रेन और उसके पड़ोसी देशों को धन्यवाद दिया है.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने बताया कि कल 15 और अगले 24 घंटे में 18 फ्लाइट्स निर्धारित हैं. रोमानिया में एक नए स्थान सुचिआवा की पहचान की गई है जहां से फ्लाइट्स के जरिए भारतीयों को वापस लाने के प्रयासों को बढ़ाया जाएगा. उन्होंने कहा कि मंत्रालय का प्रयास अधिक उड़ानें निर्धारित करना है.
विदेश मंत्रालय की ओर से जानकारी दी गई कि भारतीयों के लिए खाना और रहने का इंतजाम कराया जा रहा है. उन्होंने कहा कि अगले 2-3 दिनों में हम और लोगों को वापस लाएंगे.
भारत सरकार यूक्रेन और रूसी अधिकारियों के संपर्क में है
प्रवक्ता ने बताया कि दुर्भाग्य से यूक्रेन में हिंसा के ताजा मामले सामने आए हैं. भारत सरकार लगातार यूक्रेन और रूसी अधिकारियों के संपर्क में है. उन्होंने कहा कि हमें पता है कि यूक्रेन में अभी भी हजारों भारतीय हैं. एडवाइजरी जारी होने के बाद भी कुछ इंडियंस खारकीव में भी हैं. जो लोग खारकीव नहीं छोड़ पाए हैं, उनसे अपील की जाती है कि वे ट्रेन से खारकीव से निकलें.
उन्होंने बताया कि बुधवार की एडवाइजरी के अनुसार बड़ी संख्या में भारतीय छात्रों ने खार्किव छोड़ा; वे पास के पेसोचिन (Pesochyn) में हैं. उनकी अनुमानित संख्या 1000 है. अरिंदम बागची ने बताया कि शुरुआत में 20,000 भारतीय नागरिकों का रजिस्ट्रेशन किया गया था, लेकिन कई ऐसे भी थे जिन्होंने रजिस्ट्रेशन नहीं कराया था. हमारा अनुमान है कि कुछ सौ नागरिक अभी भी खार्किव में हैं. हमारी प्राथमिकता छात्रों को किसी भी संभव तरीके से सुरक्षित बाहर ले जाना है.
बताया गया कि सुमी में कुछ भारतीय हो सकते हैं. हम संपर्क में हैं और सभी मार्गों के उपयोग के जरिए उन्हें वहां से निकालने का प्रयास जारी है. वहीं, यूक्रेन में भारतीयों को बंधक बनाए जाने के आरोप पर मंत्रालय की ओर से कहा गया कि हमें ऐसी किसी घटना की जानकारी नहीं है. विदेश सचिव ने यूक्रेन के डिप्टी विदेश सचिव से बात की है.
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