लोकसभा चुनावों में निराशानजक प्रदर्शन के बाद भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन के गर्भ से निकली आम आदमी पार्टी (आप) बिखरती नजर आ रही है. पार्टी के शीर्ष नेतृत्व में मतभेद उभरकर सामने आ रहे हैं. एक पत्र के सामने आने के बाद ये बात पूरी तरह से जगजाहिर हो गई है. एक ईमेल में पार्टी के संस्थापक सदस्या मनीष सिसोदिया ने योगेन्द्र यादव पर आरोप लगाया हैं कि वह पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल को निशाना बना रहे हैं. वह केजरीवाल की राजनीति को खत्म करना चाहते हैं.
सिसोदिया ने पार्टी के रणनीतिकार योगेन्द्र यादव पर हरियाणा में पार्टी की संभावनाओं को खत्म करने और पार्टी नेतृत्व को भटकाने का भी आरोप लगाया है जिसकी वजह से उन्हें लोकसभा चुनाव में करारी हाल झेलनी पड़ी.
सिसोदिया ने अपने पत्र में योगेन्द्र यादव और नवीन जयहिंद के बीच विवाद का जिक्र करते हुए कहा, 'आपने (योगेन्द्र यादव) विवाद को सार्वजनिक इसलिए कर दिया क्योंकि आप इससे अपने तरीके नहीं निपट पा रहे थे. आप केजरीवाल को इसमें घसीटना चाह रहे हैं. केजरीवाल शुरू से चाहते थे कि कुछ सालों तक दिल्ली पर फोकस किया जाए. वह ज्यादा सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ने के खिलाफ थे. लेकिन आपकी सलाह वह आगे बढ़े और नतीजा हम सबके सामने है.'
सिसोदिया ने पत्र में लिखा, 'आपने (योगेन्द्र यादव) चुनाव से ऐन पहले हरियाणा में सर्वे किया और दावा किया कि पार्टी को राज्य में 23 फीसदी वोट मिलेंगे. लेकिन चुनावों में हमें हरियाणा में सिर्फ 4 फीसदी ही वोट मिले. पार्टी इन खराब नतीजों की वजह जानना चाहती है. जवाब देने की बजाय आप इस तरह के झूठे मुद्दे उठाकर ध्यान भटकाना चाहते हैं. आप केजरीवाल को खत्म करना चाहते हैं या फिर आम आदमी पार्टी को?.'
सूत्रों के मुताबिक आज से शुरू हो रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में योगेन्द्र यादव का इस्तीफा स्वीकार किया जा सकता है.
योगेन्द्र यादव और नवीन जयहिंद का विवाद
दरअसल कुछ दिनों पहले हरियाणा चुनाव में प्रभारी रहे योगेंद्र यादव ने पार्टी की राजनीतिक मामलों की कमेटी यानी पीएसी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था. उसी दिन हरियाणा प्रदेश संयोजक नवीन जयहिंद ने भी पीएसी और राष्ट्रीय कार्यकारिणी से इस्तीफा दे दिया था. लोकसभा चुनाव में योगेंद्र यादव ने गुड़गांव और नवीन जयहिंद ने रोहतक से आम आदमी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा था और दोनों को ही करारी शिकस्त मिली थी. तब कहा गया था कि कार्यकारिणी की बैठक में इस्तीफे पर चर्चा होगी, अभी इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है.
इस्तीफ के बाद ऐसी खबरें आई थीं कि चुनाव के बाद योगेंद्र यादव और नवीन जयहिंद में कुछ मतभेद थे और कुछ जगहों पर ये मतभेद सार्वजनिक तौर पर दिखाई पड़े थे. हालांकि योगेंद्र यादव ने पदों को छोड़ने के पीछे इन मतभेदों की बात खारिज की थी.