आम आदमी पार्टी सरकार की 40 से ज्यादा सर्विसेज वाली होम डिलीवरी योजना पर फिलहाल ब्रेक लग गया है. एलजी अनिल बैजल ने 'डोर स्टेप डिलीवरी' योजना पर करीब एक दर्जन आपत्तियां गिनाते हुए केजरीवाल सरकार को फ़ाइल लौटा दी है. मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एलजी की मंशा पर सवाल खड़े किए हैं.
दिल्ली सचिवालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान सिसोदिया ने 'डोर स्टेप डिलीवरी' योजना पर एलजी द्वारा उठाई हर एक आपत्ति का जवाब दिया. योजना के बारे में बताते हुए सिसोदिया ने कहा कि 16 नवंबर को 40 सर्विसेज की होम डिलीवरी करने का फैसला कैबिनेट ने लिया था. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ इन 40 सर्विसेज का इस्तेमाल हर साल 25 लाख लोग कर रहे हैं.
सिसोदिया ने आगे कहा, 'डोर स्टेप डिलीवरी में सरकार से सर्टिफिकेट, ड्राइविंग लाइसेंस जैसी अन्य सुविधा एक कॉल पर आपके घर आएगी. अभी सरकारी दफ्तर में जाकर या ऑनलाइन फॉर्म भरना पड़ता है. इस प्रक्रिया से फॉर्म भरने में गड़बड़ी हो सकती है. बार-बार दफ्तर के चक्कर भी काटने पड़ते हैं, लेकिन 'डोर स्टेप डिलीवरी' योजना में आपके दरवाजे पर मोबाइल-सहायक आएगा. फीस, कागजात के अलावा मशीन से उंगलियों के निशान लगाने की सुविधा घर पर मुहैया कराई जाएगी.
केजरीवाल सरकार का दावा है कि सर्विसेज देने के लिए घर पर जाने वाला मोबाइल-सहायक जनता के तय वक़्त और तारीख़ पर ही जा सकेगा. इसके बाद जनता उस कर्मचारी का फीडबैक भी दे सकती है. सिसोदिया ने बताया कि एलजी साहब ने फ़ाइल लौटाकर आपत्तियां बताई हैं. एलजी का कहना है कि 40 में से 35 सर्विस डिजिटल हो चुकी है और डोर स्टेप डिलीवरी की ज़रूरत नहीं है.
एलजी का कहना है कि इस योजना से सुरक्षा की परेशानी बढ़ेगी, भ्रष्टाचार बढ़ेगा, कागजात गुम हो सकता है या फील्ड ट्रिप बढ़ सकती है, जो प्रदूषण बढ़ाएगा. लेकिन आम आदमी पार्टी सरकार का मानना है कि डिजिटल डिलीवरी से आगे बढ़कर कुछ करना होगा. क्योंकि सरकार की यह योजना डिलीवरी स्किम नहीं बल्कि सुपर डिलीवरी स्कीम है.
सिसोदिया का कहना है कि एलजी ने अलग-अलग इलाकों में सेंटर खोलने की सलाह दी है, जहां लोग जाकर कागजात दे सकें और घर के नज़दीक सरकारी प्रक्रिया पूरी कर सकें. लेकिन इस तरह के सेंटर लगाने से किसी का कोई भला नहीं हुआ. पहले की दिल्ली सरकार ने जीवन केंद्र बनाया था जो फेल मॉडल था, इससे भ्रष्टाचार बढ़ गया था.
एलजी पर सवाल दागते हुए सिसोदिया ने कहा कि एलआईसी एजेंट और पिज्जा मैन घर आते हैं, क्या वो सुरक्षा के लिए ख़तरा हैं? पूरी ऑनलाइन इंडस्ट्री डोर स्टेप डिलीवरी पर टिकी है, क्या उन्हें बंद कर दें? सरकार की यह योजना धक्के खाने वाले आदमी या दलाल की रिश्वतखोरी से बचाने के लिए है.
सिसोदिया ने कहा, 'अब सवाल यह उठता है कि चुनी हुई सरकार इतना बड़ा फैसल करे तो क्या नियुक्त एलजी के पास इस फैसले को रद्द करना चाहिए?' आम आदमी पार्टी सरकार ने उम्मीद जताई है कि सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला देते वक़्त में इस तरह के मामले का ध्यान रखा जाएगा.