दिल्ली में डॉक्टरों ने साइंस का नया 'चमत्कार' पेश किया. डॉक्टरों मे ‘ब्रेन डेड’ हो चुके 32 साल के एक मरीज का लीवर अलग कर एक-एक भाग दो ऐसे लोगों को दे दिया, जिन्हें लीवर प्रतिरोपण की सख्त जरुरत थी. इस सर्जरी से दो लोगों को नया जीवन दान मिला.
इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल के लीवर प्रतिरोपण सर्जरी विभाग में वरिष्ठ कंसल्टेंट डॉ. शालीन अग्रवाल ने कहा कि दानकर्ता को इस साल मई में दुबई में ब्रेन डेड हुआ था और उनका ऑपरेशन किया गया लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ. बाद में उन्हें भारत में इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल लाया गया, जहां न्यूरो सर्जनों ने उन्हें यहां आने पर ‘‘ब्रेन डेड’’ घोषित कर दिया.
उनके परिवार ने उनके अंगदान पर सहमति दे दी और डॉक्टरों ने उनके लीवर को अलग कर एक भाग जालंधर के रहने वाले 29 साल के एक व्यक्ति को दिया. जो क्रॉनिक एल्कोहलिक लीवर फेल्यर से जूझ रहा था और पांच महीने से प्रतिरोपण सूची में प्रतीक्षारत था. डॉक्टरों के मुताबिक, अगर अगले दो -तीन महीनों में उसका ऑपरेशन नहीं होता तो वह जीवित नहीं रह पाता.
लीवर का दूसरा भाग दिल्ली की ही रहने वाली 42 साल की एक महिला को दिया गया जो क्रॉनिक लीवर फेल्यर से जूझ रही थी और पिछले एक साल से प्रतिरोपण सूची में प्रतीक्षारत थी.
इनपुट भाषा