लखनऊ के कुकरैल नदी के 50 मीटर दायरे में बने घरों पर लाल निशान लगाए जाने के विरोध में यहां के लोग उतर आए हैं. अब उन्होंने अपने घर के बाहर रजिस्ट्री की कॉपी चस्पा कर दी है. साथ ही प्रशासन से भी सवाल कर रहे हैं कि अगर निर्माण अवैध रूप से हुआ है तो नाली, बिजली और पानी की व्यवस्था क्यों की गई?
इन कालोनियों के घरों में लगाए गए हैं लाल निशान
पंतनगर, अबरार नगर, रहीम नगर और इंद्रप्रस्थ कॉलोनी में बने घरों पर लाल निशान लगाए गए हैं. ये निशान सिंचाई विभाग, LDA, नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम द्वारा की गई है.
विकास कार्यों के लिए लगी है माननीयों की शिलापट्ट
पंतनगर निवासियों का कहना है कि हमारे पास सभी दस्तावेज हैं. लोगों ने सवाल उठाते हुए कहा कि ये कालोनियां अवैध हैं तो विभागों ने यहां सड़कें, पानी और लाइट की सुविधा क्यों दी? साथ ही लोगों ने प्रशासन से सवाल करते हुए कहा कि अगर निर्माण कार्य अवैध रूप से हुआ है तो विकास कार्यों के लिए माननीयों के नाम की शिलापट्ट क्यों लगाई गई?
कालोनीवासी बोले हम गलत तो प्रशासन भी गलत
महिलाओं और बच्चों ने रोते हुए कहा कि घर बनाने में पूरी कमाई लगा दी. सालों साल बीत गए और अब एकदम से इन्हें अवैध करार दे दिया गया. कालोनीवासियों ने कहा कि कुकरैल कभी नदी थी ही नहीं यह नाला है. महिलाओं ने कहा कि अगर हम गलत हैं तो अफसर भी गलत हैं. महिलाओं ने कहा कि जब से यहां पर लाल निशान लगाए गए हैं, तब से हमारा खाना-पीना छूट गया और यहां रहने वाले सभी लोग दहशत में हैं.
आपको बता दें कि कुकरैल नदी की जमीन पर बसी कालोनियां के सर्वे के लिए सिंचाई विभाग, LDA, नगर निगम और जिला प्रशासन की संयुक्त टीम लगाई गई थी. टीम ने नदी और डूब क्षेत्र में आने वाले हिस्से में हुए निर्माण पर लाल निशान लगाए हैं. एलडीए को शासन से जिम्मेदारी दी गई है कि भवन स्वामियों का पता लगाकर उन्हें नोटिस दें.