जेएनयू विवाद में यूनिवर्सिटी के टीचर्स एसोसिएशन (जेएनयूटीए) ने बुधवार को नया सवाल खड़ा किया है. नौ फरवरी को कैंपस में हुई देशविरोधी नारेबाजी की घटना पर कुलपति की ओर से गठित उच्च स्तरीय जांच समिति को मानने से इनकार कर दिया गया है.
नहीं मानते जांच समिति को प्रमाणिक
जेएनयूटीए ने बैठक के बाद दो प्रस्ताव पास कर अपनी बातें रखी हैं. उसकी ओर से कहा गया है जांच समिति सही तरीके से गठित नहीं की गई है. छात्रों की ओर से इसे कोई प्रमाणिक नहीं मान रहा. जेएनयू समुदाय उनकी किसी रिपोर्ट को कबूल नहीं करेगा. टीचर्स की संस्था ने कहा कि समिति में अनुसूचित जाति के किसी सदस्य को शामिल किया जाए.
नहीं देंगे रजिस्ट्रार के किसी पत्र का जवाब
जेएनयूटीए ने रजिस्ट्रार को हटाने की अपनी मांग दोहराई. प्रस्ताव में कहा गया है कि कार्यकारी रजिस्ट्रार ने 62 साल की उम्र हासिल कर ली है. सेवा शर्तों के मुताबिक उनकी उम्र रिटायरमेंट की हो गई है. इसलिए उनसे किसी तरह का आधिकारिक पत्र व्यवहार नहीं किया जाएगा. जेएनयू के नियमों के मुताबिक उन्हें पत्र के जवाब पाने का कोई हक नहीं है.