scorecardresearch
 

JNU हिंसा: फिर चढ़ा सियासी पारा, नेताओं ने एक-दूसरे पर लगाए आरोप

जेएनयू हिंसा के बाद देश के तमाम शहरों में जेएनयू के समर्थन मे प्रदर्शन शुरू हो गई है. दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भी कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने जुटकर पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और जल्द ही दोषियों की पकड़ने की मांग की. उधर इस मुद्दे पर दिल्ली समेत पूरे देश की सियासत गरमा गई है जहां नेता एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

Advertisement
X
दिल्ली पुलिस HQ के बाहर छात्रों का प्रदर्शन (फोटो-PTI)
दिल्ली पुलिस HQ के बाहर छात्रों का प्रदर्शन (फोटो-PTI)

देश की प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) में रविवार रात नकाबपोश गुंडों के हमले में कई छात्रों समेत फैकल्टी मेंबर भी घायल हुए हैं. इस बवाल के बाद देश के तमाम शहरों में जेएनयू के समर्थन में प्रदर्शन शुरू हो गए हैं. दिल्ली पुलिस मुख्यालय के बाहर भी कई विश्वविद्यालयों के छात्रों ने जुटकर पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया और जल्द ही दोषियों की पकड़ने की मांग की. जेएनयू हिंसा पर देश की सियासत फिर से गरमा गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेता एक-दूसरे को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.

गृह मंत्रालय ने मांगी रिपोर्ट

कैंपस में हिंसा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर से बात की है. गृहमंत्री अमित शाह ने निर्देश दिए हैं कि आईजी लेवल की एक अधिकारी की कमेटी बनाकर जल्द ही गृह मंत्रालय को रिपोर्ट दी जाए. साथ ही दिल्ली की उप राज्यपाल ने भी हिंसा की निंदा करते हुए पुलिस को कानून व्यवस्था कायम करने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने बताया कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है.

Advertisement

जानकारी के मुताबिक दिल्ली पुलिस की तरफ से जॉइंट सीपी शालिनी सिंह इस मामले की जांच करेंगे. दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो जो हमला हुआ है वो कुछ बाहरी लोगों के आ जाने से हुआ था, जिन्होंने अपने चेहरे को ढका हुआ था.

घायलों से मिलीं प्रियंका गांधी

हिंसा में घायल छात्रों से मिलने सबसे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी एम्स पहुंचीं और इस हमले की कड़े शब्दों में निंदा की. उन्होंने छात्रों से मिलकर बताया कि गुंडों ने कैंपस में घुसकर छात्रों पर लाठी और अन्य हथियारों से हमला किया. इसमें कई लोगों को गंभीर चोटें आई हैं.

प्रियंका ने ट्वीट किया कि कई छात्रों को लात-घूसों से मारा गया है जिससे उनसे सिर पर गंभीर चोट भी आई है और कई की हड्डियां भी टूट गई हैं. घटना में करीब 20 छात्र-छात्राएं घायल हुए हैं जिनमें जेएनयू छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष सहित JNUSU के सदस्य भी शामिल हैं.   

वित्त मंत्री निर्मला ने की निंदा

जेएनयू की पूर्व छात्रा और देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी जेएनयू हिंसा की निंदा की है. उन्होंने ट्वीट कर कहा कि एक ऐसी जगह जो कभी भी हिंसा के लिए नहीं बल्कि सार्थक बहस के लिए जानी गई. उन्होंने कहा कि पिछलों दिनों में चाहे कुछ भी कहा गया हो लेकिन सरकार चाहती है कि यूनिवर्सिटी सभी छात्रों के लिए एक सुरक्षित जगह हो.

Advertisement

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने भी इस घटना में हैरानी जताते हुए ट्वीट कर लिखा, 'जेएनयू के छात्रों और टीचर्स पर नकाबपोशों के बर्बरतापूर्ण हमले से हैरान हूं जिसमें कई घायल हुए हैं. हमारा देश फासीवादी हमारे देश पर कब्जा करना चाहते हैं और वे हमारे बहादुर छात्रों की आवाज से डरे हुए हैं. जेएनयू में आज की हिंसा इसी डर का परिचायक है.'

जेएनयू के पूर्व छात्र और विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जेएनयू हिंसा की निंदा करते हुए कहा कि यह यूनिवर्सिटी के कल्चर से एकदम उलट है. उधर, बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी इस घटना को शर्मनाकर बताते हुए इस जांच कराने की मांग की है.

अमित शाह पर निशाना

दिल्ली में सत्ताधारी आम आदमी पार्टी के नेता संजय सिंह भी घायल छात्रों से मिलने एम्स पहुंचे, जहां उन्हें विरोध का सामना करना पड़ा. संजय सिंह ने ट्वीट कर लिखा, 'जबसे अमित शाह देश के गृहमंत्री बने हैं देश की राजधानी दिल्ली गुंडागर्दी, हिंसा और अपराध का अड्डा बन गई है. कभी वकीलों पर हमला कभी छात्रों पर हमला इस गृहमंत्री को अपने पद पर रहने का हक़ नही अमित शाह इस्तीफ़ा दो.'

उन्हीं की पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने घटना पर ट्वीट करते हुए लिखा, जेएनयू में हुई हिंसा से मैं बहुत हैरान हूं. छात्रों पर बुरी तरह से हमला किया गया. पुलिस को तुरंत हिंसा को रोक शांति बहाल करनी चाहिए. अगर हमारे छात्र यूनिवर्सिटी के कैंपस में सुरक्षित नहीं रहेंगे, तो देश कैसे तरक्की करेगा?

Advertisement

गरमाई दिल्ली की सियासत

घायल छात्रों से मिलने एम्स पहुंची बीजेपी सांसद मीनाक्षी लेखी ने हिंसा के लिए लेफ्ट पार्टियों को जिम्मेदार बताया. लेखी ने कहा कि पीड़ित लड़कियां इन बातों को बताने में भी शर्मिंदा हैं लेकिन कई लड़कियों को बाथरूम में ले जाकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया गया, साथ ही उनके निजी अंगों पर भी हमला किया गया.

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने घटना की निंदा करते हुए अपने ट्विटर अकाउंट पर लिखा, 'हमलोग जेएनयू के छात्रों और शिक्षकों के खिलाफ हिंसात्मक कार्रवाई की कठोर निंदा करते हैं. इस तरह की घटना को शब्दों में समझाया नहीं जा सकता है. लोकतंत्र के लिए यह बेहद शर्मनाक है.' पूर्व गृह मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने ट्वीट किया, 'लाइव टीवी पर जो देख रहा हूं, भयानक और चौंकानेवाला है. नकाबपोश लोग जेएनयू में घुस कर छात्रों पर हमला कर रहे हैं, कहां है पुलिस?'

लेफ्ट और राइट की जंग

जेएनयू हिंसा पर लेफ्ट की अगुवाई वाले छात्रसंघ का कहना है कि उनकी अध्यक्ष आइशी घोष और कई दूसरे स्टूडेंट्स को ABVP के सदस्यों ने पीटा है. इस दौरान कुछ तस्वीरें और वीडियो भी सामने आए हैं. JNUSU ने दावा किया कि साबरमती और अन्य हॉस्टल में ABVP ने एंट्री कर छात्रों की पिटाई की. साथ ही ABVP की ओर से पथराव और तोड़फोड़ भी की गई, साथ ही हिंसा करने वाले लोग चेहरे पर नकाब पहने हुए थे. छात्र इकाई ABVP ने हिंसा के लिए लेफ्ट स्टूडेंट्स को जिम्मेदार ठहाराते हुए कहा कि लेफ्ट के लोगों ने एबीवीपी के लोगों पर हमला किया है जिसमें उनके संगठन के 11 छात्र लापता हैं.

Advertisement
Advertisement