भारत अपनी विविधता और अपनी सांस्कृतिक धरोहर के लिए दुनिया भर में मशहूर है. ठीक उसी तरह भारत की राजधानी दिल्ली भी अपने अंदर पूरे देश की विरासत संजोए हुए है. शायद यही वजह है कि दिल्ली को मिनी भारत भी कहा जाता है.
कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी और गुजरात से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक भारत के हर राज्य के तमाम रंगों में राजधानी दिल्ली रंगी हुई है. कुछ ऐसे ही खास रंग देखने को मिले जब इंदिरा गांधी नेशनल सेंटर ऑफ ऑर्ट में नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल का आयोजन किया गया. चौथा नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल इस बार असम राज्य पर केंद्रित रहा.
तीन दिन तक चले इस समारोह में खासतौर से नॉर्थ ईस्ट से आए कलाकारों ने एक से बढ़कर एक सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किया. खूबसूरत हैंडीक्राफ्ट से लेकर, नॉर्थ ईस्ट के राज्यों की संस्कृति को दिखाती प्रदर्शनी, मुंह में पानी लाने वाली स्वादिष्ट नॉर्थ ईस्ट क्यूजीन, रैंप पर नॉर्थ ईस्ट का फैशन और शानदार बैंड परफॉरमेंस. दिल्ली वालों को ये सब कुछ एक ही छत के नीचे देखने को मिला.

पहली बार नॉर्थ ईस्ट का ये दिल लुभाने वाला मेला अटेंड कर रही शालिनी ने बताया, 'मेरे हसबैंड मुझे यहां लेकर आए हैं, मैं पहली बार यहां आई हूं, मुझे बहुत अच्छा लग रहा है यहां आकर, एक अलग ही माहौल है यहां पर, जो मैंने पहले कभी नहीं देखा.'
शुक्रवार को शुरु हुए इस समारोह में पापोन और जुबीन गर्ग जैसे एक से बढ़कर एक सिंगर्स ने परफॉर्म करके समां बांधा. संगीत का शौक रखने वाले गौरव ने बताया, 'मैं पापोन का बहुत बड़ा फैन हूं, पापोन जब भी दिल्ली में परफॉर्म करते हैं, तो मैं उनका कॉन्सर्ट कभी मिस नहीं करता. आज भी मैं सिर्फ उनको सुनने के लिए यहां आया हूं.'

सिंगर्स के अलावा दिल्ली के 'द लोकल ट्रेन', 'द रिवर्स ट्रैजेडी' जैसे कई पॉपुलर रॉक बैंड्स ने भी लोगों का खूब मनोरंजन किया. ईस्ट इंडिया और भारत के बाकी हिस्सों के बीच के अंतर को खत्म करता ये नॉर्थ ईस्ट फेस्टिवल राजधानी में सबसे बड़ा संगीत व सांस्कृतिक उत्सव बन गया है. लगातार 4 सालों से हो रहे इस समारोह में दिल्ली में रह रहे पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा तो लिया ही, साथ ही दिल्लीवालों का भी इस फेस्टिवल को जबरदस्त रिस्पॉन्स मिला.