दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन कल यानी सोमवार को दोपहर 11 बजे जंतर-मंतर पर बड़ा धरना करने जा रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि दिल्ली सरकार और उसके दिल्ली परिवहन विभाग एवं कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट ने प्रदूषण के नाम पर हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश की डीजल BS-4 बसों को 1 नवंबर 2023 से दिल्ली में एंट्री बैन करने का फरमान जारी कर दिया है.
ट्रांसपोर्ट से जुड़े धंधे में हजारों बसों के मालिक जुड़े हैं. इनके लाखों ड्राइवर्स हैं और करोड़ों परिवार इसकी वजह से चलते हैं. इसका असर राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के ट्रांसपोर्टर्स पर पड़ेगा, क्योंकि उनकी डीजल बसें दिल्ली एनसीआर में नहीं आ पाएंगी. ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि विरोध इस बात का है कि अगर सवाल प्रदूषण का है तो पंजाब, हिमाचल, चंडीगढ़, जम्मू, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश की BS-4 डीजल बसों को आने की इजाजत क्यों दी गई है. इन 3 राज्यों की डीजल बसें धुआं देंगी और दूसरे राज्यों की बसें क्या ऑक्सीजन देंगीं? इनकी मांग है कि BS-4 डीजल आल इंडिया टूरिस्ट परमिट टूरिस्ट बसों की जो लाइफ है, उतना उन्हें चलने दिया जाए. क्योंकि ये लोगों की रोजी रोटी का सवाल है.
ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन ने सरकार के फैसले पर जताई नाराजगी
ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि अभी इन्होंने दिल्ली-एनसीआर की BS-4 डीजल बसें पूरी तरह बंद की हैं और बाद में पूरे भारत के डीजल BS-4 टैक्सी बसों को यें बंद करने वाले हैं. पूरे भारत के टैक्सी-बस मालिक अभी हाल में ही 2 सालों से करोना महामारी से पीड़ित रहें है. दिल्ली सरकार एवं दिल्ली परिवहन विभाग और CAQM काफी समय से दूसरे राज्यों की सरकारी डिपो की परिवहन बसों को BS-6 डीजल या इलेक्ट्रिक या CNG गाड़ियों की एंट्री के लिए दिल्ली में आने के लिए कह रहें हैं.
1 नवंबर से दिल्ली में नहीं आ सकेंगी इन राज्यों की डीजल बसें
राज्य में बढ़ते प्रदूषण के मद्देनजर दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने BS-4 डीजल बसों की एंट्री 1 नवंबर 2023 से बंद करने का फैसला किया है. यानि राजस्थान, हरियाणा और उत्तर प्रदेश से ये बसें दिल्ली में नहीं दाखिल हो सकेंगीं. दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन फैसले के विरोध में जंतर-मंतर पर विशाल धरना प्रदर्शन करने जा रहा है. ट्रांसपोर्टर्स की भी काफी बसें हरियाणा, राजस्थान और उत्तर प्रदेश नंबर की BS-4 डीजल बसें हैं. BS-4 डीजल बसें ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट है.
प्रदूषण के नाम पर परेशान कर रही सरकार- टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन
दिल्ली टैक्सी एंड टूरिस्ट ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट कहना है कि पहले भी दिल्ली सरकार और कमिसन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट प्रदूषण के नाम पर डीजल से चलने वाली टूरिस्ट टैक्सी को पिछले साल भी ग्रेप लगाकर बंद किया गया और उन पर 20 हजार तक जुर्माना भी लगाया गया. ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट का कहना है कि दिल्ली सरकार और उसका दिल्ली परिवहन विभाग और CAQM वास्तव में प्रदूषण के नाम पर टूरिस्ट टैक्सी बसों के मालिकों को ही टारगेट कर रही है और डीजल BS-4 बसों की एंट्री दिल्ली एनसीआर में बंद करना चाहते हैं, जबकि हमारी डीजल BS-4 बसें ऑल इंडिया टूरिस्ट परमिट हैं जो ज्यादातर दिल्ली से ज्यादा दूसरे राज्यों में पर्यटकों को घुमाने ले जाती है. दावा है कि पिछले साल भी 4 पहिया की डीजल BS-4 टैक्सी को बंद करके डीजल के ट्रक को खुलेआम चलने की इजाजत दे दी थी.
कई ट्रांसपोर्टर्स ने 2019 के आखिरी महीने में डीजल की BS-4 बसें खरीदीं. अब 3 वर्षों में से 2 साल वों बसें पार्किंग में ही खड़ी रही थीं, अब इन गाड़ियों का क्या होगा? इनकी किस्तें हम कहां से भरेंगे? डीजल टैक्सी बसें वों ही धुआं अप्रैल-महीने में देती हैं और वही धुआं नवंबर में. हमारी टैक्सी, बसें सर्दी में कोई एक्स्ट्रा धुआं नहीं देतीं. यें प्रदूषण की समस्या पराली जलाने से और पटाखों की वजह से ज्यादा होती है और सबसे बड़ी बात सर्दियों में मौसम बदलता ही है.
LG को लिखी चिट्ठी
ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष संजय सम्राट ने उप राजयपाल से भी पत्र लिख कर मांग की थी की CAQM और दिल्ली सरकार को दोबारा से विचार करने को कहा जाए. 1 नवंबर से प्रतिबंधित बसों की दिल्ली में एंट्री बैन होगी और सिर्फ यही चलेंगी,
- सिर्फ इलेक्ट्रिक या सीएनजी से चलने वाली या फिर BS6 इंजन वाली इंटर स्टेट बसें ही दूसरे राज्यों से दिल्ली एनसीआर के शहरों में आ-जा सकेंगी.
- 21 अक्टूबर को दिल्ली सरकार के परिवहन विभाग ने भी एक सर्कुलर जारी कर उसकी कॉपी हरियाणा, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के परिवहन विभाग के प्रमुख सचिवों ट्रांसपोर्ट कमिश्नरों को भेजी है.
इन बसों को ही मिलेगी एंट्री
1 नवंबर से हरियाणा के किसी भी शहर या कस्बे से चलने वाली कोई भी रोडवेज की बस तभी दिल्ली में प्रवेश कर पाएगी, जब वह इलेक्ट्रिक सीएनजी या BS6 व डीजल इंजन से चलने वाली होगी. इसी तरह राजस्थान और उत्तर प्रदेश से आने वाली बसों पर यह पाबंदी लागू होगी. यह निर्णय केवल स्टेट रोडवेज की बसों पर ही नहीं सभी प्राइवेट ऑपरेटरों और स्टेट पीएसयू की बसों पर भी लागू होगा. ट्रांसपोर्ट विभाग ने अपने सर्कुलर में साफ कहा है कि CAQM के इन निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए.
बॉर्डर पर होगी कड़ी निगरानी
1 नवंबर से दिल्ली के उन सभी बॉर्डर्स पर ट्रांसपोर्ट विभाग की टीम चेकिंग करेंगे, जहां से इंटरस्टेट बसें दिल्ली में आती जाती हैं, बॉर्डर से केवल इलेक्ट्रिक सीएनजी या BS6 डीजल इंजन से चलने वाली होंगी. बस अड्डा और उन जगहों पर चेकिंग की जाएगी, जहां से प्राइवेट बस ऑपरेटर बसें ऑपरेट करते हैं. नियमों की अवहेलना करके कोई बस चलती पाई जाने पर उसे जब्त किया जाएगा.