आम आदमी पार्टी के 21 विधायकों के अयोग्यता के मामले की चुनाव आयोग इस मामले में जल्द फैसला दे सकती है. आप के इन विधायकों पर लाभ के पद पर होने का आरोप है, लेकिन पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों के कारण जनवरी के बाद इन मामले में कोई सुनवाई नहीं हुई. अब 11 मार्च को पांचों राज्यों के चुनाव नतीजे घोषित होंगे, जिसके बाद आयोग 16 मार्च को मामले की अंतिम सुनवाई करेगा.
चुनाव आयोग के सचिव एके पटनायक ने इस बाबत इन विधायकों के अलावा इस मामले में शिकायतकर्ता वकील प्रशांत पटेल को नोटिस भेजा है. नोटिस के मुताबिक, अब इस मामले की अगली सुनवाई 16 मार्च को दोपहर 3 बजे होगी. सुनवाई पूरी होने पर उम्मीद है कि मार्च महीने में ही इस मामले पर आयोग फैसला दे सकता है.
बता दें कि दिल्ली के ये 21 विधायक विभिन्न मंत्रियों के संसदीय सचिव बनाए जाने को लेकर विवादों में फंसे हुए हैं. दिल्ली विधानसभा के नियमों के अनुसार, दिल्ली में सिर्फ सीएम के ही संसदीय सचिव बनाए जा सकते हैं. वह भी दो से ज़्यादा नहीं. लेकिन दिल्ली में AAP सरकार ने 2015 में सत्ता में आते ही 21 विधायकों को सभी सातों मंत्रियों का संसदीय सचिव बना दिया था, यानि हरेक मंत्री के तीन सचिव.
इस मामले ने याचिकाकर्ता वकील प्रशांत पटेल ने इसे चुनौती दी और ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का मामला बताया. पटेल ने राष्ट्रपति को भी याचिका भेजी. राष्ट्रपति ने मामला चुनाव आयोग को भेजा.
बहरहाल, दिल्ली हाईकोर्ट भी ये फैसला दे चुका है कि दिल्ली में विधायकों को मंत्रियों के संसदीय सचिव नहीं बनाया जा सकता. पिछले साल उसने इन सारे संसदीय सचिवों को हटाने का आदेश भी दिया था.