दिल्ली मेट्रो के सपने को हकीकत में बदलने वाले ‘मेट्रो मैन’ ई. श्रीधरन ने अब राजनीति का रुख कर लिया है. यही कारण है कि अब उन्होंने दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (DMRC) के प्रिंसिपल एडवाइज़र के पद से इस्तीफा दे दिया है. ई. श्रीधरन इस पद पर साल 2012 से बने हुए थे.
केरल विधानसभा चुनाव से पहले ई. श्रीधरन ने भारतीय जनता पार्टी ज्वाइन कर ली है, कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें केरल में मुख्यमंत्री उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जा रहा है. यही कारण है कि अब उन्होंने अपने प्रोफेशनल काम से कुछ दूरी बनाई है.
DMRC द्वारा दिए गए बयान के मुताबिक, ‘ई. श्रीधरन ने अपना इस्तीफा सौंप दिया है, जिसे स्वीकार कर लिया गया है. ई. श्रीधरन 1 जनवरी, 2012 से ही DMRC के साथ बतौर प्रिंसिपल एडवाइज़र काम कर रहे थे.’
आपको बता दें कि 88 साल के ई. श्रीधरन ने बतौर सहायक अभियंता भारतीय रेलवे में साल 1954 में करियर की शुरुआत की थी. साल 1970 में उन्हें कोलकाता मेट्रो की जिम्मेदारी सौंप दी गई थी. इसके बाद उन्होंने कोंकण रेलवे का काम पूरा किया.
साल 1995 में जब दिल्ली मेट्रो का सपना देखा जाने लगा, तब उन्होंने DMRC के साथ मिलकर इस सपने को पूरा किया. दिल्ली मेट्रो के अलावा देश में आज जितनी भी मेट्रो चल रही हैं या बन रही हैं, उनमें ई. श्रीधरन का योगदान है.
इसी साल फरवरी में उन्होंने भाजपा को ज्वाइन कर लिया था, पहले खबर आई कि उन्हें सीएम कैंडिडेट बना दिया गया है. लेकिन बाद में इसका खंडन कर दिया गया है. हालांकि, अभी भी कहा जा रहा है कि ई. श्रीधरन केरल में चुनाव लड़ेंगे और बीजेपी का चेहरा होंगे.