हाल ही में दिल्ली से राज्यसभा के लिए उम्मीदवारों को चुनने वाली आम आदमी पार्टी एक बार फिर विवादों में उलझ गई है. फरवरी में सत्ता के तीन साल पूरे करने जा रही केजरीवाल सरकार पर विरोधियों को हमला करने का नया मौका मिल गया है. संजय सिंह, सुशील गुप्ता और नारायण दास गुप्ता का संसद जाना तय है. हालांकि इन उम्मीदवारों के फैसले पर पार्टी की पारदर्शिता को लेकर कई सवाल भी उठ रहे हैं.
आम आदमी पार्टी के मुखिया अरविंद केजरीवाल के घर 6 फ्लैग स्टाफ में तीन जनवरी को 11 बजे से ही विधायकों के आने का सिलसिला शुरू हो गया था. बैठक का एक मकसद विधायकों को उन चेहरों से रूबरू कराना जो राज्यसभा की सीट पर बैठने जा रहे हैं. विधायकों की बैठक के ठीक बाद पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक हुई और मनीष सिसोदिया ने संजय सिंह, नारायण दास गुप्ता और सुशील गुप्ता के नाम पर मोहर लगा दी.
बता दें कि आम आदमी पार्टी के राज्यसभा उम्मीदवारों ने 4 जनवरी को नामांकन दाखिल किया था। इस दौरान उम्मीदवारों के हलफ़नामे और बयान से ऐसा लगा कि संसद जाने की तैयारी तीनों नेता पहले ही कर चुके थे.
क्यों उठ रहा है पारदर्शिता पर सवाल
आपको सिलसिलेवार तरीके से बताते हैं कि 3 जनवरी को पॉलिटिकल अफेयर कमेटी के फैसले पर आखिर क्यों पारदर्शिता का सवाल उठ रहा है.
1. संजय सिंह द्वारा नामांकन के दौरान जमा किए गए हलफनामे का सर्टिफिकेट 30 दिसंबर की दोपहर 12 बजकर 3 मिनट पर ही तैयार कर लिया गया था.

2. सुशील गुप्ता द्वारा नामांकन के लिए दाखिल किए गए हलफ़नामे का सर्टिफिकेट बताता है कि इसे 1 जनवरी की दोपहर 3 बजकर 21 मिनट पर तैयार किया गया था.

3. सिर्फ नारायण दास गुप्ता का हलफनामा सर्टिफिकेट 3 जनवरी को 1 बजकर 48 मिनट पर तैयार हुआ, जो पॉलिटकल अफेयर कमेटी की बैठक के कुछ देर बाद का ही वक्त है.

इसके अलावा हाल ही में जब कांग्रेस नेता अजय माकन ने नारायण दास गुप्ता की उम्मीदवारी पर सवाल खड़े करते हुए ऑफिस ऑफ प्रॉफिट का आरोप लगाया तो आम आदमी पार्टी नेताओं ने खुद खुलासा किया कि नारायण दास गुप्ता 'नेशनल पेंशन सिस्टम ट्रस्ट' के ट्रस्टी पद से 29 दिसंबर को ही इस्तीफा दे चुके हैं. इस्तीफे की बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि राज्यसभा के लिए तैयारियों की शुरुआत काफी पहले ही कर ली गई थी.
हैरानी की बात यह है कि 20 दिसंबर से लेकर 2 जनवरी तक जब भी आम आदमी पार्टी के नेताओं से राज्यसभा उम्मीदवारों के फैसले के बारे में सवाल पूछा गया तो हर एक नेता ने पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक का हवाला दिया. फिलहाल राज्यसभा की सीट पर बैठने जा रहे है संजय सिंह, सुशील गुप्ता और नारायण दास गुप्ता की कागजी तैयारियां पार्टी के पारदर्शी रवैये पर सवाल जरूर खड़ा करती हैं.
आपको बता दें कि 3 जनवरी को ही पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक के बाद मनीष सिसोदिया ने मुख्यमंत्री आवास पर प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा था कि राज्यसभा के लिए आम आदमी पार्टी ने 18 बड़े नामों पर विचार और उनसे संपर्क किया था, लेकिन सभी ने राज्य सभा जाने से इनकार कर दिया. फिलहाल इस फैसले से पार्टी के भीतर विवाद खड़ा हो गया है, कुमार विश्वास एक बार फिर नाराज हैं लेकिन दिलचस्प बात यह है कि अरविंद केजरीवाल अबतक उन्हें मनाने के लिए खुद सामने नहीं आए हैं.