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दिल्ली: राशन कार्ड नहीं है फिर भी मिलेगा आटा और चने की दाल, इस रिपोर्ट में जानिए

अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो आपके लिए यह गुड न्यूज़ है कि अगर आपके पास राशन कार्ड नहीं है तो आप दिल्ली की किसी भी राशन की दुकान से आटा और चने की दाल ले सकते हैं. इसके लिए आपको अपना राशन कार्ड तक दिखाने की जरूरत नहीं है.

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राशन कार्ड नहीं है फिर भी मिलेगा आटा और चने की दाल
राशन कार्ड नहीं है फिर भी मिलेगा आटा और चने की दाल

अगर आप देश की राजधानी दिल्ली में रहते हैं तो आपके लिए यह गुड न्यूज़ है कि अगर आपके पास राशन कार्ड नहीं है तो आप दिल्ली की किसी भी राशन की दुकान से आटा और चने की दाल ले सकते हैं. इसके लिए आपको अपना राशन कार्ड तक दिखाने की जरूरत नहीं है. दरअसल केंद्रीय भंडार और दिल्ली सरकारी राशन डीलर्स संघ (डीएसआरडीएस) के बीच पिछले दिनों 21 दिसंबर को एक एमओयू साइन हुआ है. इसके तहत दिल्ली में राशन की लगभग दो हजार दुकानों में अब 10 किलो आटे की थैली 275 रुपए, जबकि चना दाल 60 रुपए प्रति किलो पर आसानी से मिलेगी.

चने की दाल को रिटेल बाजार में देने की मंजूरी
दरअसल, पिछले लंबे वक्त से राशन डीलर्स की तरफ से यह मांग की जा रही थी कि उनकी आय को बढ़ाया जाए, इसी को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार के खाद्य उपभोक्ता मंत्रालय ने नोडल एजेंसी केंद्रीय भंडार के द्वारा ‘भारत आटा’ ब्रांड के तहत आटा व ‘भारत दाल’ के तहत चने की दाल को रिटेल बाजार में देने की मंजूरी दे दी है. जो मार्केट रेट से काफी कम दामों में आपको मिलेगी.

मार्केट में अगर आप आटा लेने के लिए जाते हैं तो वह 30 रुपये से लेकर 35 रुपये प्रति किलो मिलता है, लेकिन केंद्रीय भंडार और दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ के बीच जो एमओयू साइन हुआ है, उसके तहत आपको आटा 27 रुपए प्रति किलो के हिसाब से मिलेगा. वहीं अगर बात करें चने की दाल की जिसकी मार्केट में कीमत 75 से 90 रुपए बिक रही है, वह आपको राशन की दुकान पर 60 रुपये प्रति किलो की दर से मिलेगी.

परिवार के हिसाब से कोई भी व्यक्ति आटा और चने की दाल ले सकता है
दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ के अध्यक्ष शिवकुमार के मुताबिक केंद्रीय भंडार के साथ जो एमओयू साइन हुआ है, उसके तहत दुकानदार बल्क में आटा और चने की दाल नहीं दे पाएगा. परिवार के हिसाब से कोई भी व्यक्ति आटा और चने की दाल ले सकता है. अगर आपको 10 किलो या 20 किलो आटे की जरूरत है तो वह दिया जाएगा. शिव कुमार के मुताबिक इससे डीलर्स जो दिल्ली के अंदर राशन की दुकान चलाते हैं, उनकी आय में भी इजाफा होगा. अब राशन दुकानदार राशन की दुकान नहीं, बल्कि किराना की दुकान के रूप में जाना जाएगा.

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दिल्ली की राशन की दुकान दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती हैं
दिल्ली सरकारी राशन डीलर संघ के जनरल सेक्रेटरी सौरव गुप्ता के मुताबिक, नए साल पर इस योजना की शुरुआत हो सकती है. लंबे वक्त से उनकी यूनियन द्वारा यह मांग की जा रही थी. इस योजना के लिए केंद्र सरकार और दिल्ली सरकार दोनों का पूर्ण सहयोग मिल रहा है. दिल्ली की राशन की दुकान दिल्ली सरकार के अंतर्गत आती हैं. दिल्ली सरकार की तरफ से चने की दाल बिक्री करने की परमिशन मिल गई है और जल्दी आटे की बिक्री करने की भी परमिशन दिल्ली सरकार से मिल जाएगी.

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