दिल्ली हिंसा मामले में 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस ने अब कोर्ट में अर्जी लगाई है. दिल्ली पुलिस ने कोर्ट में अर्जी दाखिल कर चार्जशीट दायर करने के लिए 30 दिन का समय और बढ़ाने की मांग की है. इन आरोपियों में आम आदमी पार्टी के ताहिर हुसैन से लेकर कांग्रेस की इशरत जहां तक शामिल हैं.
दिल्ली पुलिस ने कड़कड़डूमा कोर्ट में लगाई अपनी अर्जी में कहा है कि आरोपियों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने के लिए 1 महीने का वक्त और दिया जाए. पुलिस ने अपनी अर्जी में कोर्ट से कहा है कि 17 सितंबर से पहले सभी 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर देंगे.
दिल्ली हिंसा में शामिल आरोपियों में इशरत जहां और ताहिर हुसैन के अलावा शफी उर्रहमान, खालिद, हैदर, आसिफ इकबाल और पिंजड़ा तोड़ ग्रुप की नताशा और देवांगना कलिता शामिल हैं. दिल्ली हिंसा में इन सभी के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने यूएपीए (अनलॉफुल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया है, जिसमें 180 दिन तक का समय चार्जशीट दाखिल करने के लिए दिया जा सकता है.
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इस मामले में ज्यादातर गिरफ्तारियां फरवरी से मार्च के बीच में हुई थीं. यानी ज्यादातर मामलों में या तो 1 से 80 दिन का समय पूरा हो चुका है या पूरा होने वाला है. ताहिर हुसैन को दिल्ली पुलिस ने 3 मार्च को गिरफ्तार किया था, जबकि कांग्रेस की पूर्व पार्षद इशरत जहां को 29 फरवरी के दिन गिरफ्तार किया गया था.
पहले ही मांगा था 90 दिन का वक्त
इशरत जहां के वकील ललित वलेचा ने आजतक से बातचीत करते हुए कहा कि दिल्ली पुलिस ने पहले ही इशरत जहां के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए 90 दिन का वक्त कोर्ट से मांगा था, लेकिन कोर्ट ने सिर्फ 60 दिन का वक्त दिया था. कोर्ट के आदेश के मुताबिक इस हफ्ते दिल्ली पुलिस को चार्जशीट दाखिल करनी थी. लेकिन चार्जशीट दाखिल करने की बजाय पुलिस ने और 1 महीने का वक्त मांग लिया.
एनआईए कोर्ट कर रही अर्जी पर सुनवाई
उन्होंने कहा कि इसीलिए पुलिस की लगाई इस अर्जी का हम कोर्ट में विरोध कर रहे हैं. दिल्ली हिंसा के 10 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल करने के लिए दिल्ली पुलिस की तरफ से लगाई अर्जी पर सुनवाई कड़कड़डूमा कोर्ट में एनआईए की कोर्ट कर रही है. दिल्ली हिंसा की सुनवाई के लिए विशेष कोर्ट गठित की गई है. दिल्ली में हुई हिंसा में दिल्ली पुलिस ने 700 से अधिक एफआईआर दर्ज की है. दिल्ली हिंसा में 53 लोगों की जान गई थी.